दिल्ली सरकार और अधिकारियों को बीच टकराव जारी, आधे घंटे स्थगित रही सदन की कार्यवाही
विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों के रवैये के विरोध स्वरूप कार्यवाही स्थगित की। दिल्ली के इतिहास में ऐसा स्थगन पहली बार हुआ है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली सरकार और अधिकारियों के बीच चल रही तकरार खुलकर सामने आ गई है। इससे विधानसभा सत्र भी अछूता नहीं रह गया है। आलम यह है कि मंगलवार को इसी तकरार के चलते विधानसभा की कार्यवाही आधे घंटे तक स्थगित रखी गई। विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों के रवैये के विरोध स्वरूप कार्यवाही स्थगित की। दिल्ली के इतिहास में ऐसा स्थगन पहली बार हुआ है।
जवाब अधिकारियों द्वारा नहीं दिया गया
दरअसल, प्रश्न काल के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक विशेष रवि ने पूछा था कि थाना लेवल कमेटियों को जिला स्तर की कमेटियों में बदल दिया गया है। इनका प्रभारी भी स्थानीय सांसद को बना दिया गया है। जबकि न तो सांसद इन कमेटियों की बैठकों में आते हैं और न ही कोई काम होता है। इस पर स्थिति स्पष्ट की जाए। इस पर गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि इस प्रश्न का जवाब ही अधिकारियों द्वारा नहीं दिया गया है।
सदन की अवमानना माना जाएगा
इस पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि कल ही इस मसले पर लंबी चर्चा हुई थी। उन्होंने व्यवस्था भी दी कि अधिकारियों द्वारा प्रश्नों का जवाब नहीं देने को सदन की अवमानना माना जाएगा। इसके बावजूद आज फिर इस रवैये की पुनरावृत्ति दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही उन्होंने यह प्रश्न विधानसभा की प्रश्न एवं संदर्भ कमेटी को भी रेफर कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने दिल्ली में अवैध रूप से चल रही अंतरराज्जीय बसें चलने के संदर्भ में अधिकारियों के जवाब को आधा अधूरा बताते हुए उसे भी प्रश्न एवं संदर्भ समिति को रेफर कर दिया।
सोमवार को भी हुआ हंगामा
मालूम हो कि सोमवार को भी इसी मसले पर सदन में खासा हंगामा हुआ था। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी विधानसभा सचिव के नाम पत्र लिख निर्देश दिया था कि आरक्षित विषयों के तहत पुलिस, जमीन, सेवा एवं सार्वजनिक आदेशों पर प्रश्न स्वीकार न किए जाएं, क्योंकि उक्त विषय दिल्ली सरकार के अधीन नहीं आते। इसलिए अधिकारी इनका जवाब देने को बाध्य नहीं हैं।
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