एक अप्रैल प्रभावी हो जाएगा ई-वे बिल, बदल जाएगा कारोबारी माहौल
हरियाणा सरकार ने ई-वे बिल के दोनों स्वरूपों को एक साथ लागू कर रही है। राज्य के अंदर या बाहर 50 हजार से अधिक कीमत की माल ढुलाई पर ई-वे बिल जनरेट करना जरूरी होगा।
गुरुग्राम [जेएनएन]। एक अप्रैल से प्रदेश में ई-वे बिल प्रभावी हो जाएगा। इससे कारोबारी माहौल पूरी तरह से बदल जाएगा। इसी को लेकर उद्यमियों और कारोबारियों द्वारा अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उद्योग जगत से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार इस मामले में उनकी सुनवाई नहीं की।
खुद को ढालने में अभी समय लगेगा
ई-वे बिल में जिन संशोधनों की सिफारिश की गई थी उस पर गौर नहीं किया गया। इससे कारोबारी गतिशीलता प्रभावित होगी। उनका कहना है कि इस बिल के अनुसार खुद को ढालने में अभी समय लगेगा। फिलहाल उद्यमी इस समय क्लोजिंग में लगे हुए हैं। इसी बीच ई-वे बिल को लेकर भी तैयारी करनी पड़ रही है। हरियाणा सरकार ने ई-वे बिल के दोनों स्वरूपों को एक साथ लागू कर रही है। राज्य से बाहर या अंदर 50 हजार से अधिक कीमत के माल की ढुलाई के लिए ई-वे बिल का सृजन करना उद्यमी, कारोबारी व ट्रांसपोर्टर के लिए जरूरी होगा।
ई-वे बिल पेश करना जरूरी होगा
गुरुग्राम में इसे लेकर आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा सभी प्रकार की तैयारियां कर ली गईं हैं। अधिकारियों का कहना है कि राज्य में या उसके बाहर 50 हजार से अधिक कीमत के सामान की ढुलाई के लिए जीएसटी निरीक्षक के सामने ई-वे बिल पेश करना जरूरी होगा। गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीन यादव का कहना है कि उद्यमियों को इससे परेशानी होगी। क्योंकि उम्मीद की जा रही थी कि इसे 30 अप्रैल से लागू किया जाएगा।
तकनीकी दिक्कतों को दूर किया गया
बता दें कि वस्तु एवं सेवा कर के ई-वे बिल प्रावधानों को पहले एक फरवरी से लागू किया गया लेकिन परमिट जारी करने वाली प्रणाली में खामियां आने के बाद इसके कार्यान्वयन को रोक दिया गया था। इस बार केंद्र सरकार द्वारा सर्वर से जुड़ी तकनीकी दिक्कत को पूरी तरह से दूर कर दिया है। अब ई-वे बिल जनरेट करने में किसी प्रकार की बांधा नहीं होगी।
ई-वे बिल जनरेट करना जरूरी
हरियाणा में इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट दोनों प्रकार की माल ढुलाई पर ई-वे बिल का सृजन करना जरूरी होगा। इसे लेकर सभी प्रकार की तैयारियां कर ली गई हैं। इसे लेकर सभी को प्रशिक्षित कर दिया गया है। राज्य के अंदर या बाहर 50 हजार से अधिक कीमत की माल ढुलाई पर ई-वे बिल जनरेट करना जरूरी होगा।
डॉ. एसपीएस चौहान, डिप्टी एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर गुरुग्राम (नॉर्थ)
ई-वे बिल को लेकर उद्यमी पूरी तरह से तैयार नहीं है। इससे सबसे अधिक परेशानी गारमेंट निर्यातकों को होगी। क्योंकि उन्हें आनन-फानन में कच्चा माल मंगाना या तैयार माल की डिलेवरी करनी होती है। अब जब तक ई-वे बिल सृजित नहीं होता तब तक ढुलाई अटकी रहेगी। एक अप्रैल से उद्योग जगत के समक्ष नई चुनौती खड़ी हो जाएगी।
सत्येंद्र सिंह, महाप्रबंधक ईस्ट-वेस्ट
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