100 रुपये रिश्वत लेने के आरोप से 14 साल बाद दो पुलिसकर्मी बरी
सीबीआइ ने रिश्वत लेने के आरोप में दोनों को आठ फरवरी 2004 को एंट्री फीस के तौर पर 100 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में कोड़िया पुल बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली [जेएनएन]। चौदह साल पहले 100 रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में 2012 में निचली अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए दो यातायात पुलिसकर्मियों को संदेह का लाभ देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने बरी कर दिया।
न्यायमूर्ति इंदरजीत कौर ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा कि एएसआइ विक्रम सिंह व सिपाही विक्रम सिंह ने रिश्वत मांगी थी और उनके पास से रिश्वत की रकम बरामद की गई थी। ऐसे में उन्हें संदेह का लाभ देते हुए बरी किया जाता है।
सीबीआइ ने रिश्वत लेने के आरोप में दोनों को आठ फरवरी 2004 को एंट्री फीस के तौर पर 100 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में कोड़िया पुल बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी सतीश कुमार गुप्ता की शिकायत के बाद हुई थी।
मामले में दोनों को 2012 में निचली अदालत ने दोषी करार दिया था। निचली अदालत के इस फैसले को दोनों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें बहस के दौरान शिकायतकर्ता व मुख्य गवाह के बयान में अंतर सामने आया।