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HIV जांच कराने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी, लेकिन मरीजों की संख्‍या घटी

अस्पताल में एक महीने में 1200 से 1300 महिलाओं की एचआइवी जांच होती है, क्योंकि सभी गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व एचआइवी जांच अनिवार्य है।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Sat, 31 Mar 2018 03:16 PM (IST)
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HIV जांच कराने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी, लेकिन मरीजों की संख्‍या घटी

गाजियाबाद [ आशुतोष यादव ] । अब एचआइवी की चपेट में आने वाली गर्भवती महिलाओं के बच्चे पूरी तरह से निगेटिव यानि एचआईवी के खतरे से  मुक्त हैं। इस साल महिला अस्पताल में 21 एचआइवी पॉजिटिव महिलाओं के प्रसव हुए और नियमित जांच व इलाज के बाद सभी बच्चे एचआईवी निगेटिव पाए गए हैं।

हालांकि अभी भी बच्चों की नियमित देखभाल अस्पताल द्वारा की जा रही है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि विगत वर्ष 20 महिलाओं के प्रसव हुए थे, उनमें से सभी महिलाओं के बच्चे निगेटिव पाए गए थे, इस बार भी बच्चे निगेटिव हैं।

हर महीने 12सौ से 1300 महिलाएं कराती हैं जांच

अस्पताल में एक महीने में 1200 से 1300 महिलाओं की एचआइवी जांच होती है, क्योंकि सभी गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व एचआइवी जांच अनिवार्य है। इनमें से अब तक इस साल 31 महिलाएं पॉजिटिव पाई गई हैं, जबकि गत वर्ष 33 महिलाएं पॉजिटिव थीं।

अस्पताल प्रबंधन इस बात से उत्साहित है कि जांच कराने वालों की संख्या बढ़ रही है लेकिन एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या घट रही है। जो गर्भवती महिलाएं पॉजिटिव पाई जाती हैं, उनका प्रसव स्टाफ सेफ डिलेवरी किट पहनकर कराता है।

इससे संक्रमण की संभावना बिल्कुल नहीं होती है, इसके अलावा ऑपरेशन थिएटर में आधुनिक स्टरलाइज व्यवस्था होने से सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। वहीं एचआइवी पॉजिटिव महिलाओं का इलाज भी एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी विधि से किया जाता है, इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को पूरी तरह से सुरक्षित कर लिया जाता है।

जांच कराने वाली महिलाओं की संख्या भी बढ़ी

इस साल में लैब में 1.31 लाख महिलाओं ने खून की जांच कराई जबकि विगत वर्ष यह संख्या 67 हजार रुपये थी और तीन साल पूर्व यह संख्या सिर्फ आठ  थी। अस्पताल प्रबंधन ने लैब में दो स्टाफ बढ़ाए जाने की मांग करते हुए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला अस्पताल डा. दीपा त्यागी का कहना है कि इस साल 21  महिलाओं के प्रसव हुए हैं। सभी महिलाओं के बच्चे बेहतर उपचार से एचआइवी निगेटिव हैं। जो भी महिलाएं पॉजिटिव पाई गई थीं, सभी ने अस्पताल में नियमित जांच और इलाज अस्पताल से ही निशुल्क कराया था। इस आशातीत परिणाम से अस्पताल का स्टाफ भी उत्साहित रहता है।

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