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हुड्डा v/s तंवरः हरियाणा कांग्रेस में नहीं थम रही अंदरूनी कलह, राहुल गांधी तक पहुंची बात

कांग्रेस हाईकमान ने अशोक तंवर को प्रदेशाध्यक्ष पद सौंपा था तभी से हुड्डा और तंवर के बीच तनानती बरकरार है।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 03 May 2018 08:29 AM (IST)
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हुड्डा v/s तंवरः हरियाणा कांग्रेस में नहीं थम रही अंदरूनी कलह, राहुल गांधी तक पहुंची बात

नई दिल्ली (बिजेंद्र बंसल)। कई गुट में बंटी हरियाणा कांग्रेस का राजनीतिक घमासान राहुल गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद भी नहीं थम रहा है। 29 अप्रैल को दिल्ली के रामलीला मैदान में राहुल गांधी की जनाक्रोश रैली के बाद हरियाणा कांग्रेस के नेताओं खासतौर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे ने नए प्रदेशाध्यक्ष के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है।

बता दें कि मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर और पूर्व सीएम हुड्डा के बीच 36 का आंकड़ा जगजाहिर है। चार साल पहले कांग्रेस हाईकमान ने अशोक तंवर को प्रदेशाध्यक्ष पद सौंपा था तभी से हुड्डा और तंवर के बीच तनानती बरकरार है।

मंगलवार को हुड्डा समर्थक अनुसूचित जाति के चार विधायकों और पूर्व प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष फूलचंद मुलाना ने कांग्रेस मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर राज्य की राजनीति का खाका खींचा। इन विधायकों ने राहुल गांधी के सामने प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर को कटघरे में खड़ा किया।

विधायकों ने राहुल गांधी काे बताया कि तंवर पिछले चार साल में भी जिला एवं ब्लॉक कांग्रेस की कमेटी गठित नहीं कर पाए। इन विधायकों के अलावा मंगलवार राहुल गांधी से पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह भी मिले। उन्होंने राहुल के समक्ष राज्य कांग्रेस का संगठन मध्यप्रदेश की तर्ज पर दिए जाने का फार्मूला सुझाया।

बुधवार सुबह हुड्डा विरोधी पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव और उनके पुत्र चिरंजीव राव (युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष) ने राज्य के पिछड़े वर्ग के नेता के रूप में राहुल गांधी से मुलाकात की।

बेशक कैप्टन अजय यादव और चिरंजीव राव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालूप्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप सिंह की शादी का निमंत्रण देने के बहाने राहुल गांधी से मिले मगर उनका राजनीतिक लक्ष्य हुड्डा के एससी कार्ड का विरोध करना था।

बता दें, चिंरजीव राव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप सिंह के बहनोई हैं। हरियाणा कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के चेयरमैन राकेश भड़ाना के नेतृत्व में भी एक प्रतिनिधिमंडल राहुल गांधी से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी को हरियाणा में पिछड़े वर्ग की एक बड़ी रैली करने का आमंत्रण दिया।

कुलदीप बिश्नोई के साथ से हुड्डा को मिली मजबूती

हरियाणा कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के विधायक पुत्र कुलदीप बिश्नोई ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का खुलेआम साथ देना शुरू कर दिया है। इससे हुड्डा खेमे को मजबूती मिली है। माना जा रहा है कि राहुल दरबार में बिश्नोई को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और हुड्डा खेमे की दलित विधायक गीता भुक्कल को विधायक दल की नेता बनाने के बाद तीन अन्य नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कमान देने का फार्मूला हुड्डा गुट की तरफ से दिया जा सकता है। इन तीन नेताओं में दीपेंद्र हुड्डा, महेंद्र प्रताप सिंह और कुलदीप शर्मा का नाम शामिल हैं।

बिश्नोई-हुड्डा गुट के सामने है दिग्गज नेताओं की चुनौती

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विधायक कुलदीप बिश्नोई के सामने राज्य कांग्रेस में कई दिग्गज नेताओं की चुनौती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख रणदीप सुरेजवाला इस समय राष्ट्रीय राजनीति के साथ हरियाणा में भी पूरी तरह सक्रिय हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने खुलेआम दिल्ली में ऐलान कर दिया है कि उनकी रुचि राज्य की राजनीति में है। इसके अलावा प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर और विधायक दल की नेता किरण चौधरी को हरियाणा कांग्रेस में कम नहीं आंका जा सकता क्योेंकि दोनों को ही कांग्रेस हाईकमान का संरक्षण प्राप्त है। 

पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए हरियाणा में रैली करेंगे राहुल गांधी

राकेश भड़ाना ( चेयरमैन, हरियाणा कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ) का कहना है कि हमने राहुल गांधी से हरियाणा में पिछड़ा वर्ग की बड़ी रैली करने का आग्रह किया है। पूरे देश में 48 और हरियाणा में 38 फीसद पिछड़े वर्ग के लोग हैं। हम चाहते हैं कि राहुल गांधी हरियाणा से पिछड़े वर्ग को संदेश दें और उन्होंने हमारे इस आग्रह को मान लिया है। 

हरियाणा कांग्रेस में तालमेल की कमी

कैप्टन अजय यादव (पूर्व मंत्री, हरियाणा) की मानें तो हरियाणा कांग्रेस में इस समय तालमेल की कमी है। हमने राहुल गांधी से मुलाकात करके यह बताया है कि प्रदेश में इनेलो-बसपा गठबंधन होने के बाद राज्य कांग्रेस को एकजुट होकर काम करना होगा। प्रदेश कांग्रेस के संगठन में अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग सहित जाट समुदाय का बराबर का समावेश होना चाहिए। इसके बाद राज्य में कांग्रेस को सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता।

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