Move to Jagran APP

मदरसा दुष्कर्म मामलाः झूठ बोल रहा था मुख्य आरोपी, जांच में खुलासा-वह नाबालिग नहीं, बालिग है

बुधवार को पेशी के दौरान जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी को बालिग की तरह ट्रीट करने को कहा है।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 03 May 2018 08:37 AM (IST)
Hero Image
मदरसा दुष्कर्म मामलाः झूठ बोल रहा था मुख्य आरोपी, जांच में खुलासा-वह नाबालिग नहीं, बालिग है

नई दिल्ली (जेएनएन)। पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर से दस साल की बच्ची को अगवा कर साहिबाबाद के मदरसे में दुष्कर्म करने के आरोपित को उसके परिवार के सदस्यों ने नाबालिग बताया था, लेकिन वह बालिग निकला। बिना कोई कोई दस्तावेज मुहैया कराए मौखिक तौर पर आरोपित की उम्र साढ़े सत्रह साल होने का दावा किया गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मेडिकल बोर्ड से आरोपित का बोन आसिफिकेशन टेस्ट कराया, जिसमें उसकी उम्र 20-21 साल होने की पुष्टि हुई है।

डीसीपी क्राइम ब्रांच राम गोपाल नायक ने भी इसकी पुष्टि की है। डीसीपी ने कहा कि 21 अप्रैल की रात साहिबाबाद के करबला स्थित मदरसे में आरोपित ने बच्ची से दुष्कर्म किया था। अगले दिन बच्ची मदरसे से बरामद हो गई थी।

गाजीपुर थाना पुलिस ने उसी दिन कड़कड़डूमा कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष बच्ची का बयान धारा 164 के तहत दर्ज कराकर आरोपित को दबोच लिया था। परिजनों ने आरोपित को नाबालिग बताया तो उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया गया था।

आरोपित की उम्र पर शक होने पर क्राइम ब्रांच ने उसके परिजनों को उम्र संबंधी दस्तावेज मुहैया कराने को कहा। दस्तावेज जुटाने के लिए कुछ दिनों का समय दिया गया, लेकिन परिजन कोई भी दस्तावेज मुहैया नहीं करा पाए। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने बीते रविवार को लालबहादुर शास्त्री अस्पताल के तीन डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड द्वारा आरोपित का बोन आसिफिकेशन टेस्ट कराया।

उसी दिन डॉक्टरों ने क्राइम ब्रांच को रिपोर्ट सौंपते हुए बताया कि आरोपित बालिग है। उसकी उम्र 20-21 साल के बीच हो सकती है। उक्त रिपोर्ट को क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश करते हुए कहा कि दुष्कर्म का आरोपित बालिग है।

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का फैसला, आरोपी का बालिग के तौर पर होगा ट्रायल

लिहाजा, उसे आरोपित सौंप दिया जाए ताकि उसे कोर्ट में पेशकर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा सके। इस पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीनों डॉक्टरों को नोटिस जारी कर बुधवार सुबह 10 बजे बोर्ड के समक्ष पेश कर अपनी रिपोर्ट देने को कहा था। बुधवार को पेशी के दौरान जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी को बालिग की तरह ट्रीट करने को कहा है। 

पुलिस आयुक्त ने क्राइम ब्रांच को सौंपा है मामला

पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए केस को क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया था। संयुक्त आयुक्त क्राइम ब्रांच आलोक कुमार ने डीसीपी राम गोपाल नायक को केस के तफ्तीश की जिम्मेदारी सौंपी।1यह है मामला: क्राइम ब्रांच के मुताबिक आरोपित साहिबाबाद के करबला इलाके का रहने वाला है। बच्ची भी पहले वहीं पर पड़ोस में रहती थी।

बच्ची के परिजन 19 अप्रैल को गाजीपुर के घोंडली में शिफ्ट हुए थे। 21 अप्रैल की दोपहर बच्ची जब सामान लाने बाजार निकली थी तभी आरोपित ने उसे अगवा कर लिया था। उसे ऑटो में बैठाकर मदरसे में ले गया और दुष्कर्म करने के बाद वहीं रखा।

आरोपित मौलवी की पत्नी ने घर छोड़ा

दिल्ली से बच्ची को अगवा कर अर्थला स्थित मदरसे में दुष्कर्म करने के आरोपित मौलवी की पत्नी ने मंगलवार को बच्चों के साथ घर छोड़ दिया है। सुबह के वक्त अर्थला पहुंचीं मौलवी की पत्नी घर से सामान ले गईं। बीते शनिवार को लोगों ने मौलवी के घर में तोड़फोड़ की थी। मदरसे से जुड़े हाजी कल्लू कादरी ने बताया कि हाल ही में जिला प्रशासन और वक्फ बोर्ड के अधिकारी मदरसे पहुंचे थे।

उन्होंने मदरसे के रजिस्ट्रेशन की कॉपी मांगी थी। मंगलवार को मदरसे से प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिला और मदरसे के रजिस्ट्रेशन की कॉपी सौंपी। कल्लू कादरी का कहना है कि महबूब-ए-इलाही एंड साबरी वेलफेयर सोसायटी के नाम से मदरसे का वर्ष 2014 में रजिस्ट्रेशन करवाया गया था। वर्ष 2018 तक मदरसे की वैधता है।

वहीं मौलाना के घर और मदरसे से अब पुलिसबल हटा लिया गया है। मौलाना की गिरफ्तारी के बाद दूसरी कार्यकारिणी गठित की गई। दारून उलूम अमजदिया नूरिया मस्जिद व महबूब-ए-इलाही एंड साबरी वेलफेयर सोसायटी मदरसे का संचालन मौलाना गुलाम शाहिद करते थे। हाफिज हारुन चौधरी को अध्यक्ष, जाउद्दीन सैफी को महासचिव नियुक्त किया गया है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।