बच्ची से दुष्कर्म मामलाः सीएम योगी को भेजी रिपोर्ट में खुलासा, अवैध रूप से चल रहा था मदरसा
प्रशासन की जांच के बाद मदरसे से लाउडस्पीकर और बोर्ड हटा दिया गया है। इससे पहले यहां चार लाउडस्पीकर लगाए गए थे।
गाजियाबाद (जेएनएन)। दिल्ली के गाजीपुर निवासी बच्ची को अर्थला के जिस मदरसे में लाकर रखा गया था वह बीते पांच साल से अवैध रूप से चल रहा था। जिला अल्पसंख्यक विभाग की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय को मामले में रिपोर्ट भेजकर यह जानकारी दी गई है। विधायक सुनील शर्मा के पत्र के बाद सीएम कार्यालय ने मामले में रिपोर्ट मांगी थी।
रिपोर्ट के अनुसार, एक चिटफंड सोसायटी के नाम पर किए गए रजिस्ट्रेशन पर मदरसे और मस्जिद का संचालन किया जा रहा था। हालांकि, बुधवार को भी यहां नमाज अता की गई। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोन कुमार ने बताया कि मदरसे की जांच की गई तो इसका रजिस्ट्रेशन ही नहीं मिला।
जिस जमीन पर मदरसा और मस्जिद बनी है उस पर महबूब-ए-इलाही एंड साबरी वेलफेयर सोसायटी के नाम से रजिस्ट्रेशन करवाया गया था। यह रजिस्ट्रेशन चिटफंड सोसायटी एक्ट 1860 के अंतर्गत किया गया था। इस पर किसी भी प्रकार से मदरसा अथवा मस्जिद का संचालन नहीं किया जा सकता है।
यह रजिस्ट्रेशन 30 अप्रैल को ही समाप्त हुआ है। मामले की रिपोर्ट तैयार कर लखनऊ भेज दी गई है। मदरसे को सील करने अथवा बंद करने की कार्रवाई प्रशासन की ओर से की जाएगी।
अता की गई नमाज, दोबारा रजिस्ट्रेशन की तैयारी
एक ओर अल्पसंख्यक विभाग मस्जिद को अवैध बता रहा है, वहीं बुधवार को भी यहां नमाज अता की गई। मस्जिद की कमेटी से जुड़े लोगों ने यहां बैठक की। बैठक में निर्णय हुआ कि वे दोबारा मदरसे और मस्जिद का रजिस्ट्रेशन करवाएंगे। इसके लिए नई कमेटी का भी गठन किया गया है। वहीं, दिल्ली के ओखला से नमाज अता करवाने के लिए मस्जिद में एक नए मौलाना को बुलाया गया है।
सील किया जा सकता है मदरसा
जिस प्लॉट पर मस्जिद और मदरसे का संचालन किया जा रहा था, उसे जल्द ही प्रशासन सील कर सकता है। विधायक सुनील शर्मा के पत्र के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने मामले में संज्ञान लेकर अल्पसंख्यक विभाग से रिपोर्ट मांगी थी। इस रिपोर्ट के बाद मदरसे के अवैध होने की बात साबित हो गई है। इसके बाद अब अधिकारी मदरसे को सील करने पर विचार कर रहे हैं।
प्रशासन की सख्ती के चलते उतारे गए लाउडस्पीकर
प्रशासन की जांच के बाद मदरसे से लाउडस्पीकर और बोर्ड हटा दिया गया है। इससे पहले यहां चार लाउडस्पीकर लगाए गए थे। इनकी अनुमति भी प्रशासन से नहीं ली गई थी। हालांकि, वहां मौजूद लोगों ने बताया कि प्रशासन ने उन्हें मदरसा चलाने से मना नहीं किया है। मंगलवार को शब-ए-बारात के बाद बुधवार को रोजा था, इसके चलते बच्चे पढ़ने नहीं आए।
गौरतलब है कि गाजीपुर से 10 साल की बच्ची का अपहरण कर उसे अर्थला के मदरसे में लाकर किशोर और मौलवी गुलाम शाहिद ने दुष्कर्म किया था। मामले में मौलवी को दिल्ली पुलिस ने जेल भेज दिया था। जांच में सामने आया था कि किशोर बालिग है।