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पति पर अवैध संबंध का झूठा आरोप लगाना क्रूरता : हाई कोर्ट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने पति पर अवैध संबंध का झूठा आरोप लगाने को क्रूरता करार दिया है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 06 May 2018 09:46 PM (IST)
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पति पर अवैध संबंध का झूठा आरोप लगाना क्रूरता : हाई कोर्ट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने पति पर अवैध संबंध का झूठा आरोप लगाने को क्रूरता करार दिया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जीआर मिधा ने याचिकाकर्ता को तलाक की मंजूरी दे दी। अवैध संबंध के आरोप को झूठा करार देते हुए अदालत ने निचली अदालत के उस फैसले को रद कर दिया, जिसमें उसने पति-पत्नी को अलग-अलग रहने का फैसला सुनाया था।

निचली अदालत के फैसले को याचिकाकर्ता व उनकी पत्नी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। पति ने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी उन पर शक करती हैं, अभद्र भाषा का इस्तेमाल करती हैं और उनकी मांग का ख्याल नहीं रखती हैं। वर्ष 2002 में तलाक की याचिका दायर होने के बाद से ही दोनों अलग-अलग रह रहे हैं और अब उनके साथ रहने की कोई संभावना नहीं है। पत्नी ने याचिका में कहा था कि उनके पति व भाभी के बीच अवैध संबंध हैं। वह उन्हें धोखा देते रहे फिर भी उनका व्यवहार पति के प्रति कठोर नहीं था। अदालत ने पत्नी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि प्रतिवादी ने याचिकाकर्ता के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया है। जैसा प्रतिवादी ने आरोप लगाया वैसा याचिकाकर्ता ने कभी नहीं किया। ऐसे में उन्हें तलाक की मंजूरी दी जाती है। क्रूरता के आधार पर तलाक का आदेश देते हुए दोनों की शादी को भंग की जाती है।

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