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आयुक्त पर लगे आरोपों की जांच के लिए बनी एक और समिति

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली नगर निगम की पूर्व अतिरिक्त आयुक्त रेणु जगदेव के आयुक्त

By JagranEdited By: Updated: Mon, 28 May 2018 09:19 PM (IST)
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आयुक्त पर लगे आरोपों की जांच के लिए बनी एक और समिति

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

उत्तरी दिल्ली नगर निगम की पूर्व अतिरिक्त आयुक्त रेणु जगदेव के आयुक्त मधुप व्यास पर लगाए गए आरोपों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को सदन की बैठक में इसको लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्यों ने निगमायुक्त की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए और अधिकारियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए महापौर आदेश गुप्ता ने एक और जांच समिति के गठन की घोषणा कर दी है। फर्क सिर्फ इतना होगा कि इस समिति में निगम पार्षद सदस्य हैं।

दरअसल, विपक्ष में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने अल्पकालिक प्रश्न लगाकर पूर्व अतिरिक्त आयुक्त रेणु जगदेव के लगाए आरोपों को लेकर चर्चा की मांग की थी। विपक्ष के साथ सत्तापक्ष ने आयुक्त पर हमला बोला। विपक्ष के पार्षदों ने इस मामले की सीबीआइ और सीवीसी से जांच की मांग की। मुकेश गोयल ने कहा कि आयुक्त मधुप व्यास ने रेणु जगदेव के आरोप लगाने के बाद उनको उनके मूल विभाग में कार्यमुक्त कर दिया, जबकि सदन ने इसको लेकर काफी पहले ही प्रस्ताव पारित कर दिया था। हालांकि आयुक्त ने सदन में साफ किया कि मुकेश गोयल पार्षदों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि पिछले दिनों पूर्व अतिरिक्त आयुक्त रेणु जगदेव ने महापौर को शिकायत करके निगम की खैबर पास में 15000 हजार करोड़ की कीमत वाली 95 एकड़ जमीन पर एलएंडडीओ से चल रही बातचीत को खत्म करने के लिए आयुक्त द्वारा दबाव बनाने का आरोप लगाया था।

एक माह में देनी होगी जांच रिपोर्ट

महापौर आदेश गुप्ता आयुक्त मधुप व्यास पर लगे आरोपों की जांच के लिए गठित की गई समिति में तिलकराज कटारिया जांच कमेटी के अध्यक्ष होंगे। उनके साथ विपक्ष के नेता अनिल लाकड़ा, कांग्रेस दल से मुकेश गोयल, भाजपा पार्षद आलोक शर्मा और योगेश वर्मा भी सदस्य होंगे। साथ ही इसमें दो सदस्यों को और शामिल किया जा सकता है। इसमें महिला पार्षद भी होंगी। इस कमेटी को अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति से मिले तथ्यों की जांच करनी होगी। हालांकि मुकेश गोयल ने इस कमेटी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। गोयल ने कहा कि तिलकराज कटारिया पहले ही कह रहे हैं कि इस घोटाले से एमसीडी का कोई संबध नहीं है।

अजय कौशल को लंबी छुट्टंी पर भेजा

रेणु जगदेव को कार्यमुक्त करने और अजय कौशल को कार्यमुक्त न करने को लेकर उठे सवालों पर निगमायुक्त ने कहा कि अजय कौशल को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है। दरअसल, दोनों अधिकारियों के डेपुटेशन का समय करीब करीब एक साथ खत्म हो रहा था। 31 दिसंबर तक रेणु जगदेव को रखना चाहते थे आयुक्त उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त मधुप व्यास पूर्व अतिरिक्त आयुक्त रेणु जगदेव को 31 मार्च तक नहीं, बल्कि 31 दिसंबर तक रखना चाहते थे। सदन में आयुक्त ने बयान देकर कहा कि वे रेणु जगदेव को वित्तीय वर्ष समाप्त होने यानी 31 मार्च तक निगम के हित में कार्य करने देने की अनुमति देना चाहते थे। साथ ही उन्होंने नवनिर्वाचित महापौर के सामने भी इस मामले की स्वीकृति मांगी थी, लेकिन 19 मार्च आयुक्त ने उपराज्यपाल एवं मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 31 दिसंबर तक दोनों अधिकारियों की सेवा जारी रखने की मांग की थी। बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन ने 26 फरवरी और 27 मार्च 2018 को ही रेणु जगदेव और अजय कौशल को कार्यमुक्त करने का प्रस्ताव पारित कर दिया था।

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