डॉ. कलाम को अपना आदर्श मानते हैं दिल्ली के टॉपर भवीश शर्मा, बोले- रटने में यकीन नहीं
देश के पूर्व राष्ट्रपति और प्रसिद्ध वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानने वाले भवीश का पसंदीदा विषय गणित है। इसके सवालों को हल करने में उन्हें आनंद आता है।
By Edited By: Updated: Tue, 29 May 2018 10:37 PM (IST)
नई दिल्ली [शिप्रा सुमन]। सीबीएसई के 10वीं की परीक्षा में 99 फीसद अंकों के साथ भवीश शर्मा दिल्ली के टॉपर बने हैं। भवीश ने न सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि स्कूल और क्षेत्र का नाम भी रोशन किया है। अशोक विहार के कुलाची हंसराज स्कूल के छात्र भवीश का मानना है कि दसवीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम भविष्य की नींव रखते हैं। उनका सपना है कि वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में अपनी पहचान बनाएं। लिहाजा, उन्होंने इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने की ठानी है।
एपीजे अब्दुल कलाम को मानते हैं अपना आदर्शदेश के पूर्व राष्ट्रपति और प्रसिद्ध वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानने वाले भवीश का पसंदीदा विषय गणित है। इसके सवालों को हल करने में उन्हें आनंद आता है। भवीश ने बताया कि वह रटने में यकीन नहीं रखते बल्कि एक लक्ष्य तय करके उसे पूरा करते हैं। इसके लिए उन्होंने स्कूल के शिक्षकों से भी मदद ली।
विषय को ठीक से समझने की आवश्यकताभवीश की प्रिंसिपल ने भी भवीश की इस उपलब्धि की सराहना की। भवीश कहते हैं कि उन्होंने कभी घंटों के हिसाब से पढ़ाई नहीं की, बल्कि हर विषय पर बराबर ध्यान देते हुए केवल पाठ को पूरा किया। अच्छे अंक के लिए ज्यादा पढ़ने की जरूरत नहीं होती, केवल विषय को ठीक से समझने की आवश्यकता होती है।
संगीत से दूर करते थे तनावभवीश को खेलने का भी खूब शौक है। स्कूल में होने वाली बैडमिंटन और बास्केटबॉल प्रतियोगिता में भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया। संगीत और फिल्मों का भी शौक है। पढ़ाई के दौरान इससे वह अपना तनाव दूर करते थे। सभी कक्षाओं में अव्वल रहने पर उन्हें पुरस्कार भी मिले। स्कूल स्तर पर होने वाले साइंस ओलंपियाड में भवीश ने पदक हासिल किया। उनके पिता नेपाल सिंह दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं और अपने बेटे की इस सफलता से फूले नहीं समा रहे हैं।
मां ने दिया ध्यान
पिता ने बताया कि नौकरी की वजह से उन्हें बेटे के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिल पाता था, लेकिन भवीश की मां शशि शर्मा ने बहुत ध्यान दिया। पिता का कहना है कि वह बेटे को उसकी मर्जी से आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने अब तक किसी भी प्रकार से अंकों या विषयों को लेकर दबाव नहीं बनाया है और आगे भी ऐसा ही करेंगे। भवीश के अनुसार उनको हमेशा पिता से प्रेरणा मिली है, क्योंकि वह काफी मेहनती हैं।यह भी पढ़ें: CBSE 10वीं में चार छात्र बने संयुक्त टॉपर, टॉप थ्री में दिल्ली जोन को नहीं मिला स्थान, तिरुवनंतपुरम अव्वल
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