दिल्ली के सरकारी स्कूलों का 22 फीसद परिणाम गिरा
-सीबीएसई दसवीं की परीक्षा में इस वर्ष 70 फीसद आया परिणाम, पिछले वर्ष 92.44 फीसद छात्र हुए थे
By JagranEdited By: Updated: Tue, 29 May 2018 10:14 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आयोजित 10वीं की परीक्षाओं में दिल्ली के सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन बेहद ही निराशाजनक रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष परीक्षा परिणाम में 22 फीसद से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। सीबीएसई द्वारा 10वीं की स्कूल व बोर्ड आधारित परीक्षा में पिछले वर्ष कुल 92.44 फीसद छात्र पास हुए थे। जबकि शैक्षणिक वर्ष 2015-16 में सरकारी स्कूलों के 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम का पास फीसद 89.25 फीसद रहा था, लेकिन इस वर्ष 10वीं का पास फीसद रिकॉर्ड गिरावट के साथ 70 फीसद दर्ज किया गया है। निजी स्कूलों से 19 फीसद पिछड़े सरकारी स्कूल
दिल्ली के सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम निजी स्कूलों की तुलना में 19 फीसद से अधिक नीचे गिरा है। यह स्थिति तब बनी है, जब सरकार ने परीक्षा परिणाम बेहतर करने के लिए सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं व बोर्ड परीक्षा के दौरान भी छात्रों को पढ़ाने की व्यवस्था की है।
सीबीएसई 10वीं की परीक्षा में दिल्ली जोन के निजी स्कूलों का पास फीसद 89.45 दर्ज किया गया है। जबकि सरकारी स्कूलों का पास फीसद तकरीबन 70 रहा है। वहीं दिल्ली जोन में सबसे अच्छा प्रदर्शन जवाहर नवोदय विद्यालयों का रहा है। जवाहर नवोदय विद्यालयों के 98.86 फीसद छात्र पास हुए हैं। जबकि दिल्ली जोन के केंद्रीय विद्यालयों का पास फीसद 97.03 फीसद दर्ज किया गया है। खराब परिणामों पर मुख्यमंत्री को सांप सूंघ गया है : विजेंद्र गुप्ता सीबीएसई 10वीं का परिणाम जारी होने के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जहां ट्विटर पर इस वर्ष को कठिन बताते हुए पास होने वाले छात्रों को बधाई दी। वहीं खराब परीक्षा परिणाम पर विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने रिट्वीट कर सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा है कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया खराब परिणाम पर सिर्फ बहाने ढूंढ रहे हैं और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सांप सूंघ गया है।
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