ईडीएमसी के खिलाफ क्यों न की जाए अवमानना की कार्रवाई : हाई कोर्ट
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली में मंडोली जेल के आसपास की सफाई व्यवस्था को लेकर निगम की जमकर खिंचाई की।
By JagranEdited By: Updated: Tue, 29 May 2018 10:14 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली में मंडोली जेल के आसपास की सफाई व्यवस्था को लेकर हाई कोर्ट ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) की जमकर खिंचाई की। 3500 कैदियों व कर्मचारियों के कमरों वाली जेल को लेकर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने ईडीएमसी के सहायक आयुक्त को नोटिस जारी किया। सहायक आयुक्तने कोर्ट में बयान दिया था कि पूरे इलाके को साफ-सुथरा रखा जा रहा है। पीठ ने नोटिस जारी कर कहा कि आखिर क्यों न अवमानना की कार्रवाई की जाए। पीठ ने कहा कि जेल की दीवार के आसपास बिखरा पड़ा कूड़ा अदालत की अवमानना को दर्शाता है।
अदालत ने यह नोटिस तक जारी किया जब दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) के वकील संजीव रल्ली ने जेल के आसपास खुले नाले और कूड़े के ढेर के फोटो पेश किए। पीठ ने इस पर संज्ञान लेते हुए कहा कि जेल के बाहर की स्थिति बर्दाश्त करने लायक नहीं है। इससे जेल के अंदर रहने वालों की सेहत खराब हो सकती है। इससे पहले अदालत द्वारा नियुक्त किए गए कोर्ट मित्र वकील सुमेर कुमार सेठी ने भी जेल के आसपास फैली गंदगी को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने अदालत को बताया था कि जेल के बाहर कारखानों और कबाड़ डीलर द्वारा कूड़ा जलाया जाता है, जिससे प्रदूषण फैलता है। इसको लेकर हाई कोर्ट में कई कैदियों ने जनहित याचिका दायर कर शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि वे मंडोली जेल में अमानवीय परिस्थिति में रह रहे हैं। जेल के अंदर अपनी दुर्दशा को लेकर हाई कोर्ट को पत्र भी लिखा था। पीठ ने काउंसलर की नियुक्ति का मुद्दा अहम बताते हुए दिल्ली सरकार के वित्त विभाग में लंबित भर्ती नियमों को जल्द फाइनल करने के आदेश दिए।
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