Move to Jagran APP

सहायक के बेटे को मिले 95 फीसद, डॉक्टर बनने की है तमन्ना

मयूर विहार फेस एक स्थित एएसएन पब्लिक स्कूल में आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के विद्यार्थी सागर गंगोत्री ने 10वीं कक्षा में 95 फीसद अंक लाकर साबित कर दिया कि संसाधनों के अभाव में भी प्रतिभा निखर सकती है। सागर अपने परिवार के साथ त्रिलोकपुरी-31 ब्लॉक में रहते हैं। परिवार में मां अनूप रानी और पिता पप्पी लाल गंगोत्री है। सागर के पिता एक दुकान पर सहायक का काम करते हैं।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 29 May 2018 10:15 PM (IST)
Hero Image
सहायक के बेटे को मिले 95 फीसद, डॉक्टर बनने की है तमन्ना

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : मयूर विहार फेज-1 स्थित एएसएन पब्लिक स्कूल में आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के विद्यार्थी सागर गंगोत्री ने 10वीं कक्षा में 95 फीसद अंक लाकर साबित कर दिया कि संसाधनों के अभाव में भी प्रतिभा निखर सकती है। सागर अपने परिवार के साथ त्रिलोकपुरी-31 ब्लॉक में रहते हैं। परिवार में मां अनूप रानी और पिता पप्पी लाल गंगोत्री है। पिता एक दुकान पर सहायक हैं।

सागर ने कहा कि उनका परिवार निम्न वर्ग में आता है। परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ खास नहीं है। स्कूल में शिक्षकों ने जो पढ़ाया, उसे ध्यान से सुना और अगर समझ में नहीं आया तो दोबारा पूछा। ट्यूशन नहीं लिया, क्योंकि खुद पर इतना यकीन था कि बोर्ड की परीक्षा में अच्छे अंक से पास हो जाऊंगा। उन्होंने किसी भी टॉपिक को अधूरा नहीं छोड़ा। एक टॉपिक को पूरा किया, उसके बाद दूसरे टॉपिक को पढ़ा। इससे पढ़ाई करने में समस्या नहीं हुई।

स्कूल की छुट्टियों में वह सुबह से लेकर शाम तक पढ़ाई करते थे और शाम को पार्क में जाकर क्रिकेट खेलकर पढ़ाई की थकान दूर करते थे। वह 11वीं कक्षा में साइंस लेकर आगे डॉक्टर बनना चाहते हैं। वह कहना है कि जिन बच्चों के अंक कम आए हैं, उन्हें पुराने परिणाम को भूलकर आगे की तैयारी करनी चाहिए। वहीं, सागर के पिता पप्पी लाल ने कहा कि उन्होंने बच्चे पर पढ़ाई के लिए कभी दबाव नहीं बनाया। इंजीनियर बनकर अक्सर लोग विदेश चले जाते हैं। इसलिए वह बेटे को डॉक्टर बनाना चाहते हैं, ताकि वह अपने देश में रहकर समाज के लिए कुछ कर सके।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।