इराक के मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों के मामले गरमाया, दिल्ली HC में याचिका दायर
कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह वर्ष 2014 में कितनी बार इराक गए। याचिका में केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय और खुफिया विभाग को पक्षकार बनाया गया है।
By Edited By: Updated: Wed, 30 May 2018 09:57 AM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। आइएस आतंकियों द्वारा इराक के मोसुल से अपहृत 39 भारतीयों की हत्या के मामले में मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार की लापरवाही पर स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए। मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मागा है।
कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह वर्ष 2014 में कितनी बार इराक गए। याचिका में केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय और खुफिया विभाग को पक्षकार बनाया गया है। याचिकाकर्ता वकील महमूद प्राचा ने कहा कि केंद्र सरकार को पहले से ही पता था कि अपहरण किए गए भारतीयों का आतंकियों ने कत्ल कर दिया है, लेकिन सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की और देश को यही बताते रहे कि सभी भारतीय जिंदा हैं।आखिरकार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में खुद इस बात की पुष्टि की कि इन 39 भारतीयों की जून 2014 में मौत हो गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि मार्च 2018 में शवों को भारत लाया गया तो परिजनों को शव देखने भी नहीं दिया गया।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि सरकार को कब यह घोषित करना चाहिए था कि अपहृत भारतीयों की मौत हो चुकी है। वहीं, केंद्र व खुफिया विभाग की तरफ से मौजूद वकील मानिक डोगरा ने कहा कि भारत सरकार जब तक 100 फीसद पुष्टि न कर ले, तब तक मौत की पुष्टि नहीं कर सकती।मामले में अगली सुनवाई 31 मई को होगी। इससे पहले वर्ष 2015 में महमूद प्राचा तब कोर्ट पहुंचे थे जब उन्हें इराक जाने से रोकने के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया गया था।
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