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बढ़ी फीस नहीं लौटाने के मामले में दिल्ली सरकार को नोटिस, अकाउंट जब्त कर कार्रवाई की मांग

कमेटी के अनुमान के मुताबिक करीब 500 करोड़ रुपये इन स्कूलों को लौटाने हैं, लेकिन न तो ये अभिभावकों को उनके पैसे लौटा रहे हैं और न ही कोर्ट में जमा कराने के लिए कोई कदम उठा रहे हैं।

By Amit MishraEdited By: Updated: Wed, 30 May 2018 08:14 PM (IST)
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बढ़ी फीस नहीं लौटाने के मामले में दिल्ली सरकार को नोटिस, अकाउंट जब्त कर कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली [जेएनएन]। न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह कमेटी की सिफारिशों पर कई साल बाद भी अमल न होने से नाराज हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार व निजी स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बुधवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की पीठ ने दिल्ली सरकार से उन गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के बैंक खातों को अटैच करने के बारे में पूछा जिन्होंने कमेटी की सिफारिशों के तहत अब तक अभिभावकों को नौ फीसद ब्याज के साथ बढ़ी हुई फीस वापस नहीं की है।

फीस अभिभावकों को नहीं लौटाई

पीठ ने चार सप्ताह में इस संबंध में प्रगति रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। हाई कोर्ट द्वारा गठित अनिल देव सिंह कमेटी की सिफारिशों को लेकर सोशल जूरिस्ट व अभिभावक महासंघ की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि लंबा समय बीतने के बाद भी 118 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों ने बढ़ाकर ली गई फीस अभिभावकों को नहीं लौटाई है।

अकाउंट जब्त कर कार्रवाई की मांग

कमेटी के अनुमान के मुताबिक करीब 500 करोड़ रुपये इन स्कूलों को लौटाने हैं, लेकिन न तो ये अभिभावकों को उनके पैसे लौटा रहे हैं और न ही कोर्ट में जमा कराने के लिए कोई कदम उठा रहे हैं। याचिका में इन स्कूलों के अकाउंट को जब्त कर कार्रवाई की मांग की गई है।

अभिभावकों को वापस कराई जाए फीस 

ज्ञात हो कि न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली सरकार से सस्ती दरों पर भूमि लेने वाले 575 स्कूलों ने छठे वेतन आयोग के नाम पर बच्चों से बढ़ाकर फीस वसूली, लेकिन उसका फायदा शिक्षकों को नहीं दिया। इन स्कूलों के पास पर्याप्त अनुदान है और इन्हें फीस बढ़ाने की जरूरत नहीं थी। ऐसे में इन स्कूलों से वसूली गई फीस लेकर अभिभावकों को वापस कराई जाए। 

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