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पानी पर भी बेपर्दा हो गए केजरीवाल, सवा तीन साल में सवा तीन लीटर भी नहीं बढ़ी जलापूर्ति

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि हैरत की बात तो यह है कि केजरीवाल खुद ही जल बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, जल मंत्री भी हैं और मुख्यमंत्री भी, लेकिन नाकामी के साथ।

By Edited By: Updated: Fri, 01 Jun 2018 01:58 PM (IST)
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पानी पर भी बेपर्दा हो गए केजरीवाल, सवा तीन साल में सवा तीन लीटर भी नहीं बढ़ी जलापूर्ति

नई दिल्ली (जेएनएन)। इसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कोरी बयानबाजी कहें अथवा कुछ और लेकिन, जलबोर्ड के आंकडे़ स्वयं उनके दावों की कलई खोलते नजर आते हैं। आलम यह है कि जलापूर्ति, टैंकर और दूषित जलापूर्ति जैसे हर मोर्चे पर जनता की शिकायतें बढ़ रही हैं। विडंबना यह भी कि केजरीवाल ही इस समय जल मंत्री हैं और वही जल बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। बावजूद इसके स्थिति सुधरने के बजाय बिगड़ रही है। प्रदेश कांग्रेस द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकडे़ तो कमोबेश ऐसी ही स्थिति बयां कर रहे हैं।

आबादी बढ़ी, जलापूर्ति उतनी ही

जब आम आदमी पार्टी सरकार सत्ता में आई तो दिल्ली में पानी की आपूर्ति 906 एमजीडी प्रतिदिन थी। सवा तीन सालों में दिल्ली की आबादी बढ़ी है, लेकिन जलापूर्ति अब भी उतनी ही है। केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में इसमें एक लीटर पानी का भी इजाफा नहीं हुआ। 

टैंकर बढ़े, लेकिन आपूर्ति बिंदु घटे

पिछले वर्ष जहा टैंकर द्वारा पानी की आपूर्ति के 16,668 बिंदु निर्धारित किए गए थे, वहीं इस साल यह बिंदु 53 फीसद कम करके सिर्फ 7,768 कर दिए गए है। इसी तरह 2017 में फिलिंग स्टेशन 176 थे। इस साल उनमें भी 15 कम करके 161 कर दिए गए हैं। बीते साल 149 वाटर एटीएम और ई-प्याऊ लगाए गए थे, लेकिन इस बार उसका भी कोई इंतजाम नही है।

पानी नहीं आने की शिकायतों में वृद्धि

जल बोर्ड द्वारा प्राप्त की जाने वाली शिकायतों के आकड़े पिछले दो वर्षों में अप्रैल से अक्टूबर के बीच बहुत चौंकाने वाले रहे हैं। जहा 2016 में जल आपूर्ति नहीं होने की शिकायतें 79,258 थीं, जो 2017 में बढ़कर 84,307 हो गईं। इसी प्रकार गंदे पानी की शिकायतें जो 2016 में 25,069 थीं, वे 2017 में बढ़कर 37,223 हो गई।

सीवर बंद होने की शिकायतें 2016 में जहां 64,141 थीं, 2017 में बढ़कर 1,08,584 हो गई। पानी नहीं आने की सबसे ज्यादा 156 फीसद शिकायतें जल बोर्ड की दक्षिण और पूर्वी डिविजन में दर्ज की गई हैं। दृषित पानी की शिकायतें भी बढ़ीं गंदे पानी की शिकायतें जल बोर्ड के सभी डिविजनों में बेतहाशा बढ़ी हैं। पूर्वी डिविजन में इन शिकायतों में 163 फीसद की वृद्धि हुई है जबकि कुल शिकायतें बढ़कर 12,154 हो गई हैं।

सीवर ब्लॉकेज की शिकायतें भी काफी बढ़ी हैं। पश्चिमी जोन में 220 जबकि पूर्वी जोन में 301 फीसद की वृद्धि हुई है। अप्रैल से अक्टूबर के बीच कुल शिकायतों में 69 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है। विधानसभा सत्र में भी नहीं कराई गई थी चर्चा दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में भी दिल्ली के इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा नहीं कराई गई थी।

नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता सहित विपक्ष के अन्य नेता भी पेयजल संकट को लेकर चर्चा की मांग करते रहे, लेकिन चर्चा कराना तो दूर, कई बार उन्हें मार्शल बुलाकर बाहर ही निकलवा दिया गया। वर्जन आप सरकार दिल्ली की जनता की प्यास बुझाने तक में नाकाम रही है।

वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल ने चुनाव से पहले घोषणाएं तो बहुत कीं, दावे और वादे भी खूब किए, लेकिन उन सबकी सच्चाई हमारे सबके सामने है। हैरत की बात तो यह है कि वे खुद ही जल बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, जल मंत्री भी हैं और मुख्यमंत्री भी। मेरे विचार में तो उन्हें इस नाकामी के लिए इस्तीफा ही दे देना चाहिए।

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