धार्मिक स्थानों को टैक्स से छूट, सुखबीर बादल ने कहा- केंद्र ने की पहल, अब पंजाब सरकार की बारी
सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार को केंद्र सरकार से सीख लेते हुए धार्मिक स्थानों को टैक्स से छूट देने की चुनौती दी है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। केंद्र सरकार ने धार्मिक स्थानों की लंगर सेवा पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अपने हिस्से को छोड़ने का फैसला किया है। इसका शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) ने स्वागत किया है। पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार को केंद्र सरकार से सीख लेते हुए धार्मिक स्थानों को टैक्स से छूट देने की चुनौती दी है।
यह बड़ी राहत है
बादल गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और अन्य नेताओं के साथ प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 1 जून को ही ऑपरेशन ब्लूस्टार की शुरुआत हुई थी। कांग्रेस सरकार ने सिखों के पवित्र स्थान श्री हरिमंदिर साहिब में सेना भेजी थी। वहीं मोदी सरकार ने इसी दिन सिखों के लंगरों की रसद पर लगने वाले जीएसटी को वापस देने का एलान किया है। यह फैसला गुरुद्वारों के साथ ही सभी धार्मिक संस्थानों के लिए बड़ी राहत है।
सभी धर्म स्थानों को मिला लाभ
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अकाली दल की सरकार ने पंजाब के तीनों तख्त साहिब के साथ ही दुर्गियाना मंदिर के लंगर को वैट से मुक्त किया था। जबकि कैप्टन सरकार ने सिर्फ श्री दरबार साहिब को राज्य के जीएसटी पर छूट दी है। उन्होंने कहा कि लंगर पर जीएसटी लगने के बाद उन्होंने अकाली सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी। हरसिमरत ने इस मामले को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) एवं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) को साथ लेकर लड़ाई लड़ी है। इसका लाभ गुरुद्वारा के साथ ही मंदिर, मस्जिद, चर्च और रविदास व वाल्मीकि समुदाय के धर्म स्थानों को भी मिला है।
मोदी सरकार ने लिया फैसला
हरसिमरत कौर ने कहा कि गुरु साहिबानों ने हमें सरबत के भले का पाठ पढ़ाया था। उसी पर चलते हुए मोदी सरकार ने यह फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के वित्त मंत्री ने जीएसटी कौंसिल में एक बार भी इस मसले को नहीं उठाया। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने लंगर को जीएसटी से बाहर रखने का समर्थन पत्र दिया था। इस मौके पर एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिह लोंगोवाल, शिअद के महासचिव बिक्रम सिंह मजीठिया, सांसद नरेश गुजराल, डीएसजीपीसी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके व महासचिव मनजिंदर सिंह भी मौजूद थे।
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