'मास्टर प्लान में संशोधन की प्रक्रिया जारी, सीलिंग में न दिखाएं जल्दबाजी'
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मास्टर प्लान में संशोधन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नरमी दिखाए जाने के बाद क
By JagranEdited By: Updated: Fri, 01 Jun 2018 10:42 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मास्टर प्लान में संशोधन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नरमी दिखाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने सीलिंग में जल्दबाजी नहीं करने को कहा है। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्थानीय निकायों के अधिकारियों को नसीहत दी है कि अगर किसी संपत्ति को गलत ढंग से सील किया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद मास्टर प्लान-2021 में संशोधन की प्रक्रिया दोबारा से शुरू कर दी गई है। संशोधन के बाद जो संपत्तियां सीलिंग के दायरे से बाहर हो जाएंगी, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
शुक्रवार को निर्माण भवन में पत्रकार वार्ता के दौरान हरदीप पुरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मास्टर प्लान में संशोधन के लिए दिल्लीवासियों को 15 दिन का समय देते हुए दोबारा आपत्तियां मागी गई हैं। 26 मई को सार्वजनिक सूचना भी जारी कर दी गई। नौ जून तक लोग आपत्तियां जमा करा सकते हैं। आपत्तियां एवं सुझाव आयुक्त एवं सचिव डीडीए के नाम लिखित में भी जमा कराई जा सकती हैं और ई-मेल पर भी भेजी जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में संशोधन हो जाने के बाद संपत्तिया और दुकानों से सीलिंग की तलवार हट जाएगी। जब कोर्ट ने ही संशोधन प्रक्रिया शुरू करने के लिए अपनी अनुमति दी है तो ऐसी स्थिति में सीलिंग को लेकर जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी है कि नगर निगम या स्थानीय निकायों का कोई अधिकारी गलत तरीके से सीलिंग करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले जब मंत्रालय और डीडीए ने सीलिंग रोकने के लिए मास्टर प्लान में संशोधन की प्रक्रिया शुरू की थी तो छह मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। 15 मई को अदालत द्वारा रोक हटाने के बाद फिर से मंत्रालय और डीडीए अपने कार्य में जुट गए हैं।
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