एनजीटी ने डीडीए पर लगाया एक लाख का जुर्माना
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
By JagranEdited By: Updated: Fri, 01 Jun 2018 11:09 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) पर दक्षिण दिल्ली की एक कॉलोनी में बागवानी के लिए सीवेज के शोधित पानी की आपूर्ति नहीं करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
न्यायमूर्ति राघुवेंद्र एस राठौर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अक्टूबर 2017 के आदेश के बाद भी डीडीए ने पानी की आपूर्ति के लिए पाइप लाइन पर काम शुरू नहीं किया। यह आदेश की अवहेलना है। डीडीए के पास काम पूरा करने के लिए भरपूर वक्त था, लेकिन उसने ट्रिब्यूनल के आदेश का जानबूझकर पालन नहीं किया है। इसलिए उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। यह पैसा एनजीटी की कानूनी सहायता प्रकोष्ठ में जमा किया जाएगा। पीठ ने कहा कि निर्देश का चार सप्ताह के भीतर पालन किया जाए। डीडीए के संबंधित अधिकारी सुनवाई की अगली तारीख पर कोर्ट में उपस्थिति रहेंगे। एनजीटी ने बागवानी के उद्देश्य से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को भी निर्देश दिया। एनजीटी एडमिरल (सेवानिवृत) एपी रेवी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में वसंत कुंज इलाके में बागान की सिंचाई के लिए सीवेज के शोधित पानी के इस्तेमाल की मंजूरी मांगी थी। मामले में निर्देश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद ट्रिब्यूनल ने कड़ा रुख अपनाया और संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर पाइप लाइन बिछाने में हुई देरी पर जवाब मांगा। एनजीटी ने कहा कि दिल्ली में हरित क्षेत्र कम हो रहा है और यदि कोई इसे बचाने की पहल कर रहा है तो उसमें डीडीए सहयोग करने की भूमिका में नहीं है। ऐसा कैसे चल सकता है। हम एक तरफ राजधानी में प्रदूषण कम करने की दिशा में काम कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ हरित क्षेत्र को बचाने के लिए पानी की आपूर्ति करने में विफल रहते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।