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पॉक्सो एक्ट में मौत की सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : बारह साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में दोषियों को मौत की सजा के प्रावधान को चुनौती दी गई है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 01 Jun 2018 11:10 PM (IST)
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पॉक्सो एक्ट में मौत की सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : बारह साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में दोषियों को मौत की सजा दिए जाने के कानून को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशकर की पीठ ने मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मागा है। मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।

याचिका सोशल एक्शन फोरम फॉर मानव अधिकार ने एडवोकेट चारु वाली खन्ना के माध्यम से दायर की है। अप्रैल में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल ऑफेंसेस (पॉक्सो) एक्ट में संशोधन कर 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में दोषियों को मौत की सजा का प्रावधान किया गया था। मामले में कम से कम बीस साल की सजा या उम्रकैद का प्रावधान है। याचिकाकर्ता ने मौत की सजा के प्रावधान को रद करने की अपील की है। उनका तर्क है कि एक्ट में संशोधन बिना किसी रिसर्च के किया गया है। इस बारे में लॉ कमीशन, नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन, नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड से कोई चर्चा नहीं की गई। सजा देते हुए आरोपित के पुनर्वास व सुधार की बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे कि वह सजा पूरी करने के बाद समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके। मौत की सजा इस समस्या का समाधान नहीं है।

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