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10th Result 2018: देश के इस नामी स्कूल का एक भी छात्र नहीं हुआ पास, CBSE भी हैरान

यह हैरान करने वाली बात इसलिए भी है, क्योंकि इस बार सीबीएसई ने उत्तर पुस्तिक जांचने में काफी लचीला रुख अपनाया था।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 02 Jun 2018 09:32 PM (IST)
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10th Result 2018: देश के इस नामी स्कूल का एक भी छात्र नहीं हुआ पास, CBSE भी हैरान
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं की परीक्षा में दिल्ली सरकार से सहायता प्राप्त स्कूल का परिणाम शून्य फीसद रहा है। रामजस सेकेंडरी स्कूल नंबर छह के 20 छात्रों ने इस वर्ष 10वीं की परीक्षा दी थी, जिनमें से एक भी छात्र 10वीं की बोर्ड परीक्षा में पास नहीं हो सका है। यह हैरान करने वाली बात इसलिए भी है, क्योंकि इस बार सीबीएसई ने उत्तर पुस्तिक जांचने में काफी लचीला रुख अपनाया था। 

उल्लेखनीय है कि सीता राम बाजार स्थित रामजस फाउंडेशन के रामजस सेकेंडरी स्कूल नंबर छह को वित्त पोषण दिल्ली सरकार से मिलता है। वहीं, स्कूल पूर्णत: शिक्षा निदेशालय के अधीन संचालित होता है, जबकि स्कूल का प्रबंधन रामजस फाउंडेशन के पास है। इस वर्ष स्कूल के 20 छात्रों ने 10वीं की परीक्षा दी थी, जिनमें से 11 छात्र परीक्षा में फेल हो गए हैं, जबकि नौ छात्रों की परीक्षा में कंपार्टमेंट आई है।

स्कूल के इस प्रदर्शन को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल एसपी भारती का कहना है कि फेल हुए सभी छात्र पढ़ाई में बहुत ही कमजोर थे। शिक्षा निदेशालय के निर्देशों के तहत बोर्ड परीक्षा के लिए इन छात्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से इनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई गई थीं, लेकिन अतिरिक्त कक्षाओं में छात्र शामिल ही नहीं हुए। यही नहीं अभिभावकों ने भी इसके लिए सहयोग नहीं किया।

प्रिंसिपल के अनुसार, स्कूली छात्रों के परीक्षा परिणाम से अवगत कराती एक रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय समेत रामजस फाउंडेशन मैनेजमेंट को सौंप दी गई है।

गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने इस वर्ष अपनी नीति को उदार करते हुए 10वीं में पास होने के मानदंड में बदलाव किया था, जिसके तहत 20 अंक वाली आंतरिक परीक्षा के मूल्यांकन और 80 अंक वाली बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन को मिलाकर 33 फीसद अंक लाने पर भी छात्रों को पास करने की नीति बनाई गई थी, लेकिन इसके बाद भी स्कूल का 10वीं का परीक्षा परिणाम अत्यंत निराशाजनक रहा।

इस कारण स्कूल की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है। सीबीएसई ने इस वर्ष परीक्षा शुरू होने से पहले 10वीं की बोर्ड परीक्षा में विभिन्न मूल्यांकन पृष्ठभूमि से आए परीक्षार्थियों की परिस्थतियों को देखते हुए पास होने के मानदंड में बदलाव किया था, जिसके तहत सभी पांचों मुख्य विषयों के आंतरिक मूल्यांकन व परीक्षा के मूल्यांकन के कुल अंकों को मिलाकर 33 फीसद अंक प्राप्त करने वाले छात्र को पास करने की नीति बनाई थी, लेकिन इस नीति के लागू होने के बाद भी रामजस सेकेंडरी स्कूल के छात्रों को कई विषयों में 11 से लेकर 20 अंक प्राप्त हुए हैं।

इसको लेकर जानकार यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या स्कूल ने छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन में भी नंबर नहीं दिए हैं? इस मामले को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल एसपी भारती का कहना है कि आंतरिक मूल्यांकन में संभवत: अंक प्री बोर्ड के आधार पर दिए गए हैं, जिसके तहत छात्रों को कम अंक मिले हैं। किसी छात्र को 20 में से 20 अंक नहीं दिए जा सकते हैं। साथ ही प्रिंसिपल कहते हैं कि सीसीई पैटर्न खत्म होने के बाद इस बार आठ साल बाद 10वीं में बोर्ड परीक्षा हुई थी। इस कारण स्कूल समेत छात्र भी इसे नहीं समझ पाए।

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