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CISF ओर मेट्रो स्टाफ के झगड़े में फंसे यात्री, दिल्ली हाई कोर्ट तक पहुंचा मामला

आम लोगों को होने वाली परेशानी व मेट्रो को हुए नुकसान का हवाला देते हुए वकील अभिषेक कुमार चौधरी ने जनहित याचिका दायर की है।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sat, 02 Jun 2018 09:32 PM (IST)
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CISF ओर मेट्रो स्टाफ के झगड़े में फंसे यात्री, दिल्ली हाई कोर्ट तक पहुंचा मामला
नई दिल्ली [जेएनएन]। द्वारका सेक्टर-21 मेट्रो स्टेशन पर 31 मई को स्टेशन मैनेजर और सीआईएसएफ के एक एसआई के बीच पार्किंग को लेकर हुई मारपीट का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। मारपीट के बाद मेट्रो कर्मचारियों ने दो बार मेट्रो का संचालन बंद किया था।

जनहित याचिका दायर

आम लोगों को होने वाली परेशानी व मेट्रो को हुए नुकसान का हवाला देते हुए वकील अभिषेक कुमार चौधरी ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में मामले की जांच कर जिम्मेदार मेट्रो कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की अपील की गई है। रजिस्ट्रार ने केस पर डबल बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए 4 जून की तारीख तय कर दी है। 

इस बात को लेकर शुरू हुआ झगड़ा 

जानकारी के मुताबिक द्वारका सेक्टर-21 मेट्रो स्टेशन पर एक प्राइवेट गार्ड ने अवैध पार्किंग में खड़ी सीआईएसएफ के सब-इंस्पेक्टर जय प्रकाश की बाइक के टायर की हवा निकाल दी। जय प्रकाश के पूछने पर गार्ड ने कहा कि उसने स्टेशन मैनेजर शंभू गुप्ता के कहने पर ऐसा किया। इस पर जय प्रकाश भड़क गया और एक अन्य एसआई और दो कॉन्स्टेबलों को साथ लेकर स्टेशन मैनेजर के कमरे में पहुंचकर बहस करने लगा। इस बीच दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हो गई।

दोनों पक्षों के बीच हुई हाथापाई

पुलिस का कहना है कि जय प्रकाश मारपीट में शामिल नहीं था, मगर उसके साथियों ने स्टेशन मैनेजर के साथ मारपीट की थी। सीआईएसएफ के जवानों का आरोप था कि शुरुआत शंभू ने की थी। जानकारी मिलने बाद डीएमआरसी के सिक्यॉरिटी कमिश्नर मुकुंद उपाध्याय और सीआईएसएफ के सीनियर अफसर भी मौके पर पहुंचे।

रुक गया मेट्रो का परिचालन

दिनभर मामले को सुलझाने की नाकाम कोशिश चलती रही। देर शाम स्टेशन मैनेजर ने 100 नंबर कॉल कर इस बारे में पुलिस को सूचना दी। विरोध में रात सवा 9 बजे के करीब मेट्रो का स्टाफ द्वारका स्टेशन के पास ट्रैक पर उतर गया, जिसके चलते द्वारका सेक्टर-21 से जनकपुरी के बीच करीब आधे घंटे तक मेट्रो का परिचालन रोकना पड़ा।

आपसी गलतफहमी की वजह से बढ़ गई बात 

डीएमआरसी ने कहा कि सीआईएसएफ के स्टाफ ने डीएमआरसी के एक कर्मचारी पर हमला किया था। सीआईएसएफ भी विभागीय स्तर पर इस मामले को देख रही है। डीएमआरसी ने इस मामले में अपने स्टाफ की गलती के आरोपों से साफ इन्कार करते हुए अपने कर्मचारी को पीड़ित बताया है। सीआईएसएफ प्रवक्ता का कहना था कि आपसी गलतफहमी की वजह से यह घटना घटी।

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