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अनुबंधित डॉक्टर-नर्सो के सहारे सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक शुरू करने की तैयारी

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : देश में चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता ह

By JagranEdited By: Updated: Sat, 02 Jun 2018 10:24 PM (IST)
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अनुबंधित डॉक्टर-नर्सो के सहारे सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक शुरू करने की तैयारी

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : देश में चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि भारी भरकम बजट खर्च कर अस्पताल बन भी जाए तो समय से स्थायी डॉक्टरों और नर्सिग कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पाती है। इन दिनों ऐसी ही स्थिति से केंद्र सरकार का सफदरजंग अस्पताल भी गुजर रहा है। स्थायी डॉक्टरों और नर्सिग कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण अस्पताल में बने सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक को अब अनुबंधित डॉक्टरों और नर्सो के सहारे शुरू करने की तैयारी है। इसके तहत अस्पताल प्रशासन ने अनुबंध पर डॉक्टरों और नर्सो की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने इस सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक को जुलाई में शुरू करने का निर्देश दिया है, इसलिए आनन-फानन में महज तीन महीने के अनुबंध पर 932 नर्सो की नियुक्ति की जाएगी।

ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या इतने कम समय के लिए गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी जैसा केयर उपलब्ध करा पाने में सक्षम नर्सिग कर्मचारी अस्पताल को मिल पाएंगे? हालांकि, सफदरजंग अस्पताल प्रशासन को पूरा विश्वास है कि नर्सिग कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए काफी संख्या में आवेदन मिलेंगे। आगामी 10 जून से ओपीडी काउंटर पर आवेदकों के पंजीकरण की सुविधा होगी। इनके अलावा अस्पताल में एक साल के अनुबंध पर 102 डॉक्टरों की नियुक्ति सहायक प्रोफेसर के पद पर की जाएगी।

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि स्थायी नियुक्ति में समय लगता है, इसलिए सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में मरीजों का इलाज जल्द शुरू करने के लिए अस्थायी तौर पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है। ताकि सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक को शुरू करने में विलंब न हो।

इमरजेंसी ब्लॉक में 500 में से महज 260 बेड ही हुए शुरू

उल्लेखनीय है कि इस अस्पताल में 800 बेड का सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक बनकर तैयार है, जिसमें इलाज व जांच की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा 500 बेड का इमरजेंसी ब्लॉक भी बनाया गया है। इमरजेंसी ब्लॉक में मरीजों का इलाज शुरू हो चुका है, मगर डॉक्टरों और नर्सिग कर्मचारियों की कमी के कारण अब तक 260 बेड ही शुरू किए जा सके हैं।

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