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बारिश ने खोली दावों की पोल

यमुनापार में बृहस्पतिवार को बारिश के कारण सड़कें तालाब बन गई। बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत जरूर दी, लेकिन यह बारिश वाहन चालकों के लिए आफत बन गई। सड़कों पर पानी भर जाने से सरकारी विभागों की तैयारियों की पोल भी खुल गई। मीत नगर, ईस्ट विनोद नगर, खजूरी थाना रोड, मंडावली व भोला नाथ नगर रेलवे अंडर पास की

By JagranEdited By: Updated: Thu, 28 Jun 2018 09:05 PM (IST)
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बारिश ने खोली दावों की पोल

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली: मानसून आने से पहले हुई बरसात ने ही दिल्ली सरकार के विभागों और नगर निगम के नालों की सफाई के दावों की पोल खोल दी। एक ही झमाझम बरसात से बृहस्पतिवार को सड़कें तालाब बन गई। इस बारिश ने आम लोगों को गर्मी से तो राहत दिलाई, लेकिन सरकारी महकमों की लापरवाही के कारण लोगों को परेशानी भी झेलनी पड़ी। मीत नगर, ईस्ट विनोद नगर, खजूरी थाना रोड, मंडावली व भोलानाथ नगर रेलवे अंडरपास की सड़कों पर जलभराव की समस्या आई और जगह-जगह जाम लगते रहे। सड़कों पर पानी भरने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी राहगीरों और दोपहिया वाहन चालकों को हुई।

कई जगह तो जलभराव का आलम यह था कि मोटर पंप लगाकर सड़कों से पानी हटाना पड़ा। अगर समय रहते दिल्ली सरकार से जुड़े पीडब्ल्यूडी व सिंचाई विभाग और नगर निगम समय रहते नालों की सफाई मुकम्मल कर दी होती तो ऐसे हालात ही नहीं बनते। एक तो सभी नालों की सफाई नहीं हुई और जहां हुई, उनमें ज्यादातर जगहों पर नालों से निकाली गई गाद को सड़क पर ही छोड़ दिया गया। इसलिए बारिश होते ही करीब आधी गाद नालों में चली गई। अब उस गाद को अभी उठाया भी नहीं जा सकता है। ऐसे में अगर मानसून की बारिश हुई तो बची गाद में नाले में चली जाएगी।

आने वाले दिनों में बढ़ सकती है परेशानी

सरकारी महकमों की सतर्कता का अंदाजा तो इसी से लगाया जा सकता है कि मानसून आने की तारीख करीब आने पर नगर निगम ने दिल्ली सरकार के विभागों की बैठक बुलाई तो सामने आया कि पीडब्ल्यूडी के 20 तो सिंचाई विभाग के महज 15 फीसद और नगर निगम के 60 फीसद नाले ही साफ हुए हैं। अब मानसून के बीच तो सफाई और तुरंत गाद उठाने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती है। यानी आने वाले दिनों में जलभराव से लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है।

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