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परीक्षा देने के लिए INLD नेता अजय चौटाला को मिली पैरोल, तिहाड़ में काट रहे हैं सजा

अजय चौटाला ने कोर्ट से परीक्षा में शामिल होने के लिए पैरोल की मांग की थी। अजय चौटाला जेबीटी शिक्षक घोटाला मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

By Amit MishraEdited By: Updated: Fri, 29 Jun 2018 04:19 PM (IST)
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परीक्षा देने के लिए INLD नेता अजय चौटाला को मिली पैरोल, तिहाड़ में काट रहे हैं सजा

नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली हाई कोर्ट ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पुत्र अजय चौटाला को परीक्षा देने के लिए दो दिन की पैरोल दे दी है। अजय चौटाला ने कोर्ट से हरियाणा के गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय की परीक्षा में शामिल होने के लिए पैरोल की मांग की थी। अजय चौटाला जेबीटी शिक्षक घोटाला मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

बता दें कि हरियाणा के जेबीटी भर्ती घोटाला मामले में अजय चौटाला के अलावा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और 53 अन्य लोगों को दोषी पाया गया था। ये घोटाला वर्ष 2000 में अंजाम दिया गया था। इसमें करीब 3206 जेबीटी शिक्षकों की नियुक्तियों में गड़बड़ी की गई थी।  

क्या है मामला

जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले को उजागर करने में अहम भूमिका तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने निभाई थी। संजीव कुमार ने ही इस मामले में उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी दायर की थी। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच वर्ष 2003 में शुरू की। जांच में शिक्षकों की नियुक्ति में बरती गई अनियमितताओं का मामला सामने आने के बाद सीबीआइ ने जनवरी 2004 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय चौटाला, मुख्यमंत्री के तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी आइएएस विद्याधर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार रहे शेर सिंह बड़शामी, राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार सहित कुल 62 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

विवाद की वजह से सामने आया मामला 

ताज्जुब की बात यह रही कि मामले को उजागर करने में अहम भूमिका निभाने वाले संजीव कुमार को भी सीबीआइ ने इस मामले में आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया। सीबीआइ के अनुसार संजीव कुमार भी इस घोटाले में बराबर शामिल रहे थे। सीबीआइ के अनुसार उनका अन्य लोगों से विवाद होने पर ही उन्होंने घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई।

मनचाहे अभ्यर्थियों की बहाली की गई

मामले में सीबीआइ ने वर्ष 2008 में आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश कर दिया। सीबीआइ ने आरोप पत्र में कहा कि वर्ष 1999- 2000 में राज्य के 18 जिले में हुई 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती के मामले में मानदंडों को ताक पर रखकर मनचाहे अभ्यर्थियों की बहाली की गई थी। 

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