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दफ्तर आने से पहले शौचालयों में व्यवस्था देखेंग अधिकारी, देनी होगी नियमित रिपोर्ट

जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है वह रोजाना निर्धारित किए गए वार्ड में विभिन्न स्थानों पर निरीक्षण करेंगे। इस निरीक्षण की पूरी जानकारी नियमित रूप से जोन उपायुक्त को देनी होगी।

By Amit MishraEdited By: Updated: Fri, 29 Jun 2018 05:39 PM (IST)
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दफ्तर आने से पहले शौचालयों में व्यवस्था देखेंग अधिकारी, देनी होगी नियमित रिपोर्ट

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में 32 वां स्थान आने के बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम काफी उत्साहित नजर आ रहा है। यही वजह है कि अगले वर्ष बेहतर प्रदर्शन के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत अब निगम खुले में शौच मुक्त का प्रमाण पत्र लेने की जुगत में जुट गया है।

कमियों को दूर करवाने की जिम्मेदारी 

अब निगम के अधिकारियों की दफ्तर आने से पहले विभाग द्वारा निर्धारित वार्ड क्षेत्र में खुले में शौच किए जाने वाले स्थानों से लेकर शौचालयों और सामुदायिक शौचालय में दी जानी वाली सेवाओं को देखने के साथ उनकी कमियों को दूर करवाने की भी जिम्मेदारी होगी।

खुले में शौच मुक्त का प्रमाण पत्र लेने का आवेदन

निगम द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक, 25 एवं 26 जून को आयुक्त द्वारा ली गई बैठक में इस बात की चर्चा की गई थी कि निगम को अब क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा दिया जाने वाला खुले में शौच मुक्त का प्रमाण पत्र लेना है। चूंकि पिछली बार क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के निरीक्षण में निगम खुले में शौच मुक्त घोषित करने के लिए तय शर्तों को पूरा नहीं कर पाया था। इसके बाद निगम ने एक बार फिर से क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से खुले में शौच मुक्त का प्रमाण पत्र लेने का आवेदन किया है।

लगाई गई अधिकारियों की ड्यूटी 

इस आदेश में कहा गया है कि जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है वह रोजाना निर्धारित किए गए वार्ड में विभिन्न स्थानों पर निरीक्षण करेंगे। इस निरीक्षण की पूरी जानकारी नियमित रूप से जोन उपायुक्त को देनी होगी। जोन उपायुक्त को मिलने वाली नियमित रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करनी होगी।

आयुक्त खुद करेंगे औचक निरीक्षण

खुले में शौच मुक्त निगम का प्रमाण पत्र लेने के लिए निगमायुक्त पुनीत कुमार गोयल किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहते, इसके तहत ही सभी अधिकारियों की ड्यूटी निरीक्षण करने की लगाई गई है। सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों द्वारा सौंपें जाने वाली रिपोर्ट की सत्यता के लिए खुद आयुक्त विभिन्न इलाकों का औचक निरीक्षण करेंगे। अगर कहीं भी कमी पाई गई तो इसके लिए अन्य अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। वहीं, निगम का कहना है कि जहां-जहां खुले में शौच की शिकायत आ रही है वहां पर सीटी बजाओ और रोको-टोको अभियान के तहत लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।

विजलेंस ऑफिसर से लेकर अतिरिक्त आयुक्त को भी करना है निरीक्षण

निगम द्वारा जारी आदेश में निरीक्षण के लिए सभी विभागों के अध्यक्षों को खुले में शौच मुक्त निगम घोषित करने के लिए निरीक्षण करना होगा। इसमें निगम के अतिरिक्त आयुक्त से लेकर चीफ विजलेंस ऑफिसर को भी निरीक्षण करना होगा। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर भी निरीक्षण करने जाएंगे। 

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