मसालों व सूखे मेवे की खूशबू से महक रहा खारी बावली का बाजार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पुरानी दिल्ली के खारी बावली बाजार की अपनी एक अलग पहचान है। यहां बिक
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पुरानी दिल्ली के खारी बावली बाजार की अपनी एक अलग पहचान है। यहां बिकने वाले सूखा मेवा और मसालों की खूशबू की महक दूर से ही आने लगती है जो इस बाजार में आने वाले लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। दूर-दराज के इलाकों से लोग मसालों और सूखे मेवे की खरीदारी के लिए पहुंचते हैं। दिल्ली के दूसरे राज्यों में भी इनकी आपूर्ति होती है।
तीज त्योहार पर रहती है रौनक
इस बाजार में जड़ी-बूटी के खरीदार भी मिल जाएंगे। हर तीज त्योहार पर बाजार की रौनक देखते ही बनती है। होली के मौके पर यह बाजार रंगों से सजा नजर आता है तो दिवाली के मौके पर सूखे मेवे की खरीदारी यहां से की जा सकती है। भले ही यह बाजार थोक का व्यापार करने वालों के लिए जाना जाता हो, लेकिन अब फुटकर में भी यहां पर लोग खरीदारी के लिए पहुंचने लगे हैं।
हर प्रकार के मिल जाएंगे मसाले
यहां आपको हल्दी, मिर्च, धनिया और हींग से लेकर हर प्रकार के मसाले खरीदने को मिल जाएंगे। सुबह से लेकर शाम तक बाजार में काफी चहल-पहल रहती है। आलम यह होता है कि पैर रखने तक के लिए जगह नहीं होती। बदलते समय के साथ बाजार का स्वरूप भी बदल गया है। अब खारी बावली बाजार की संकरी गलियों सर्फ व साबून भी बेचे जाने लगे हैं।
17 वीं शताब्दी में बसा था बाजार
अतिक्रमण की कार्रवाई के बाद से बाजार की सूरत भी बदल रही है। लेकिन जाम के झाम से लोग यहां अभी भी परेशान हैं। थोक में मसालों के बिक्री करने वाले हरिओम गोयल बताते हैं कि यह बाजार 17 वीं शताब्दी के आसपास का बसा हुआ है। पहले यहां पर पानी की बावली हुआ करती थी जो अब सूख गई है। यह बाजार पूरे एशिया में जाना जाता है। यहां दाल, चीनी, चावल, चाय से लेकर सब प्रकार के मसाले मिल जाएंगे। पहले तो केवल यहां पर थोक में ही कारोबार होता था, लेकिन अब दुकानदार फुटकर में भी चीजों को बेचने लगे हैं। रसोई से जुड़ा हर सामान यहां पर उपलब्ध है।
वहीं, सूखे मेवे के कारोबारी जसमीत कोहली कहते हैं कि यहां हर किस्म का सूखा मेवा मिलता है। जिसमें बादाम, काजू, अखरोट, किशमिश सहित कई दूसरी चीजें शामिल हैं।