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..तो डीसीपी साहब ही दिला देंगे बैट्री

प्रशांत विहार इलाके में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर स्थानीय पुलिस सवालों के घेरे में है। यहां तक कि प्रशांत विहार थाने के पुलिस कर्मियों का व्यवहार भी लोगों के साथ सही नहीं है। इसकी बानगी तब देखने को मिली, जब कार की बेट्री चोरी होने की शिकायत पर पीड़ित को थाने के पुलिस कर्मी ने यह कहा कि आपकी बैट्री डीसीपी साहब ही दिला देंगे।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 29 Jun 2018 08:00 PM (IST)
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..तो डीसीपी साहब ही दिला देंगे बैट्री

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली :

प्रशांत विहार इलाके में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर स्थानीय पुलिस सवालों के घेरे में है। प्रशांत विहार थाने के पुलिसकर्मियों का व्यवहार भी लोगों के साथ सही नहीं है। इसकी बानगी तब देखने को मिली जब कार की बैट्री चोरी होने की शिकायत पर पीड़ित से थाने के पुलिसकर्मी ने यह कहा कि आपकी बैट्री डीसीपी साहब ही दिला देंगे।

दरअसल, बुधवार देर शाम प्रशांत विहार की सेंट्रल मार्केट के पास सड़क पर लगी कार की बैट्री चोरों ने चोरी कर ली थी। ऐसे में पीड़ित ने मामले की सूचना 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस नियंत्रण कक्ष को दी थी। सूचना मिलने के बाद पीड़ित के मोबाइल नंबर पर एक नंबर से फोन आया और फोन करने वाले शख्स ने खुद को प्रशांत विहार थाने का पुलिस कर्मी बताया। पीड़ित ने उस पुलिसकर्मी को चोरी की घटना के बारे में जानकारी दी।

इस पर पुलिसकर्मी ने उन्हें थाने आकर या फिर ऑनलाइन एफआइआर दर्ज कराने को कहा। इसके बाद पीड़ित ने कहा कि थाने से कोई पुलिस कर्मी नहीं पहुंचा है तो थाने के होने का क्या फायदा है। पीड़ित ने पुलिस कर्मी से यह भी कहा कि उनकी कार की दूसरी बार बैट्री चोरी हुई है और प्रशांत विहार में लगातार कारों की बैट्री चोरी हो रही है। इसकी शिकायत वे जिले के डीसीपी से भी करेंगे।

पीड़ित के इतना कहते ही पुलिस कर्मी फोन पर ही उन पर भड़क गया और यह कहते हुए कि तब तो डीसीपी साहब ही बैट्री दिला देंगे, फोन रख दिया। पीड़ित ने बताया कि पुलिस कर्मी का व्यवहार आहत करने वाला था। स्थानीय थाने से मदद तो नहीं मिली, बल्कि पुलिसकर्मी का जवाब हैरान करने वाला था। ऐसा लग रहा है कि थाने में तैनात पुलिसकर्मियों को अपने आला अधिकारियों की भी परवाह नहीं है। पीड़ित ने कहा कि घटना के तीन दिन बीत जाने बाद भी आज तक किसी पुलिसकर्मी ने उनसे संपर्क नहीं किया है, जबकि उसी दिन यह मामला एसएचओ समेत आला अधिकारियों के भी संज्ञान में दे दिया था। इस बाबत रोहिणी जिले के पुलिस उपायुक्त रजनीश गुप्ता को जब पूरे मामले की जानकारी दी गई तो उन्होंने कार्रवाई करने का भरोसा दिया।

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