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मुंबई विमान हादसाः सुरभि के पिता का सवाल, खराब मौसम में कैसे मिली उड़ान की इजाजत?

फ्लाइट इंजीनियर सुरभि की शादी एक साल पहले 18 जून 2017 को सोनीपत शहर की शंकर कॉलोनी के रहने वाले ब्रजेश कुमार के साथ हुई थी।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 30 Jun 2018 09:23 AM (IST)
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मुंबई विमान हादसाः सुरभि के पिता का सवाल, खराब मौसम में कैसे मिली उड़ान की इजाजत?

सोनीपत (संजय निधि)। मुंबई में हुए चार्टर्ड विमान हादसे की शिकार फ्लाइट इंजीनियर सुरभि के पिता एसपी गुप्ता ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। फोन पर बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जिस विमान में हादसा हुआ, वह काफी पुराना था। उसकी मरम्मत का कार्य चल रहा था। हादसे के दिन मुंबई में मौसम खराब था और विमान की स्थिति भी ठीक नहीं थी। ऐसे में उड़ान भरने की इजाजत कैसे दे दी गई। यह बड़ा सवाल है। इसकी जांच होनी चाहिए।

एसपी गुप्ता ने बताया कि उनकी हर रोज सुरभि से बात होती थी। हादसे से पहले भी फोन पर सुरभि से बातचीत हुई थी। सुरभि ने बताया था कि उनकी टीम एक पुराने विमान के मेंटेनेंस का काम कर रही है और उसकी टेस्ट ड्राइव करने जा रही है। 

उन्होंने कहा कि मुंबई का मौसम उस दौरान खराब था। विमान की भी हालत अच्छी नहीं थी। फिर भी कंपनी के अधिकारी और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने उसे उड़ान भरने की इजाजत दे दी। उन्होंने बताया कि अब जांच के बाद ही पूरे मामले का पता चल पाएगा। 

पिछले ही साल हुई थी सुरभि की शादी

फ्लाइट इंजीनियर सुरभि की शादी एक साल पहले 18 जून 2017 को सोनीपत शहर की शंकर कॉलोनी के रहने वाले ब्रजेश कुमार के साथ हुई थी। ब्रजेश भी निजी विमानन कंपनी में पायलट हैं। दोनों मुंबई में ही रहते थे। सुरभि की मौत की खबर से उनके घर में मातम पसरा है। मुंबई में उनके पिता और पति मौजूद हैं। औपचारिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद शनिवार तक शव को सोनीपत लाने की संभावना जताई जा रही है।

भोजन अवकाश न होता तो जाती कई जानें

घाटकोपर इलाके में हुई विमान दुर्घटना में मारे जाने वाले लोगों की तादाद बढ़ सकती थी, अगर उस समय भोजन अवकाश न होता। ज्यादातर मजदूर पास के दूसरे निर्माणाधीन भवन में भोजन कर रहे थे। उसी दौरान चार्टेड विमान निर्माणाधीन भवन पर जा गिरा था। हादसा दोपहर 1.11 बजे हुआ। पुलिस का भी मानना है कि कम से कम 40 मजदूरों की जान भोजन अवकाश के कारण बच गई।

हादसे में पांच लोगों की हुई थी मौत

हादसे में पांच लोगों की मौत हुई थी। इनमें चार विमान के चालक दल के सदस्य थे जबकि एक राहगीर था। तीन निर्माण मजदूरों को मामूली चोट लगीं। उन्हें नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। श्रमिक नरेश निषाद के चेहरे पर चोट लगी। उसका कहना है कि उस समय हल्की बारिश शुरू हो गई थी। इस वजह से सभी मजदूर पास के भवन में भोजन करने चले गए थे। अगर बारिश न होती तो सारे उसी भवन में बैठकर भोजन कर रहे होते।

छत्तीसगढ़ के रहने वाले नरेश का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि विमान कहां से आया। एक अन्य मजदूर का कहना है कि अगर विमान किसी ऊंची बिल्डिंग पर जा गिरता तो अनुमान लगाना मुश्किल है कि कितने लोगों की जान जाती। ध्यान रहे कि विमान उत्तर प्रदेश सरकार का था। इसे यूवाई कंपनी को बेच दिया गया था। इसने जुहू से उड़ान भरी थी। लेकिन वापसी में जुहू से चान नॉटिकल मील दूर ही यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

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