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दिल्ली मेट्रो के कर्मचारी नहीं माने, इस तरह जारी रखेंगे विरोध

डीएमआरसी स्टाफ काउंसिल ने कहा है कि वह प्रतीकात्मक विरोध जारी रखेंगे। इस दौरान वह हाथ में काला बैंड पहन कर अपना विरोध जताएंगे।

By Arti YadavEdited By: Updated: Sun, 01 Jul 2018 11:13 AM (IST)
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दिल्ली मेट्रो के कर्मचारी नहीं माने, इस तरह जारी रखेंगे विरोध

नई दिल्ली (प्रेट्र)। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के हजारों कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक के बाद डीएमआरसी स्टाफ काउंसिल ने कहा है कि वह प्रतीकात्मक विरोध जारी रखेंगे। इस दौरान वह हाथ में काला बैंड पहन कर अपना विरोध जताएंगे। बता दें कि दिल्ली मेट्रो के 9 हजार कर्मचारी 30 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की जिद पर अड़ गए थे। लेकिन कोर्ट ने इसे गलत ठहराते हुए रोक लगाई थी।

कर्मचारी यूनियन की मेट्रो प्रशासन के साथ बैठक भी हुई लेकिन दोनों पक्षो में समझौता नहीं हो सका। इसके बाद शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति विपिन सांघी की पीठ में याचिका दायर कर सुनवाई की अपील की गई। मामला आम नागरिकों से जुड़ा होने के कारण पीठ ने याचिका को तुरंत स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही अदालत ने नोटिस जारी कर हड़ताली कर्माचारियों से भी जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई अब 6 जुलाई को होगी।

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने माना कि दिल्ली मेट्रो वर्तमान समय में दिल्ली की लाइफ लाइन बन चुकी है और ये जनसेवा के आधार पर चलती है। इसके रुक जाने से करीब दिल्ली की एक चौथाई आबादी पर असर होगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर आदेश के बावजूद भी मेट्रो कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उन पर अदालत की अवमानना का मामला चलाया जाएगा। हाई कोर्ट के इस फैसले से उन 25 लाख यात्रियों को राहत मिलेगी जो रोजाना मेट्रो से सफर करते है।

डीएमआरसी ने दिल्ली हाई कोर्ट में दलील दी कि कर्मचारियों से जुड़ी कुछ मांगो को मान लिया गया था। इस पर 23 जुलाई तक फैसला किया जाना था। इसी बीच कर्मचारियों ने नई मांगें रख दीं। मामले की गंभीरता और लाखों लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो कर्मचारियों की हड़ताल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी और यूनियन को 6 जुलाई तक जवाब देने के आदेश दिए।

डीएमआरसी कर्मचारी यूनियन के महासचिव महावीर प्रसाद ने कहा कि पिछले साल डीएमआरसी ने जिन मांगों को पूरा करने के लिए आश्वासन दिया था वे अभी तक पूरी नहीं की गईं। कर्मचारियों को पांच साल पर पदोन्नति देने का प्रावधान है, लेकिन कर्मचारी 10 साल से एक ही पद पर काम कर रहे हैं। ग्रेड वेतनमान 13,500-25,520 रुपये का ग्रेड वेतनमान 14,000-26,950 रुपये में विलय किया जाएगा। ऐसा नहीं हुआ। कई कर्मचारी इससे भी उच्च वेतनमान की मांग कर रहे हैं।