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क्या है दिल्ली में 11 लोगों की रहस्यमयी मौतों का राज, हालात ही खोल रहे पोल

दिल्ली के बुराड़ी इलाके में रविवार सुबह एक घर में परिवार के 11 सदस्यों का शव मिलने से हड़कंप मच गया, तो शाम होते-होते मौतों का रहस्य भी गहरा गया।

By JP YadavEdited By: Updated: Sun, 01 Jul 2018 09:43 PM (IST)
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क्या है दिल्ली में 11 लोगों की रहस्यमयी मौतों का राज, हालात ही खोल रहे पोल

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में रविवार सुबह एक घर में परिवार के 11 सदस्यों के शव मिलने से हड़कंप मच गया, तो शाम होते-होते मौतों का रहस्य भी गहरा गया। वहीं, हालात भी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं। इस बीच दिनभर जहां दिल्ली पुलिस हत्या और आत्महत्या के बीच झूलती रही, लेकिन शाम को उसने इस मामले में हत्या का मामला दर्ज कर लिया।  हाईटेक दिल्ली पुलिस पूरा दिन बीतने के बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। 

घटना के मुताबिक, रात में कीर्तन करके सोने वाले इस बेहद धार्मिक परिवार के 10 सदस्यों के शव रविवार सुबह लटके मिले तो 75 वर्षीय एक महिला का शव फर्श पर पड़ा हुआ था। बेंगलुरु से इलाज कराकर लौटे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी घटनास्थल का दौरा किया।

मिले अाधू-अधूरे सुसाइड नोट्स

उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी के संत नगर में रविवार सुबह 11 शव मिलने की सूचना पर पुलिस जब पहुंची तो उन्होंने पाया कि कुछ लोगों के हाथ पैर बंधे हुए थे तो कुछ लोगों की आंखों पर पट्टी भी बंधी हुई मिली थी। मामले की गंभीरता के मद्देनजर जांच पुलिस से क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। जांच के दौरान पुलिस को घर में हाथ से लिखे गए अधूरे सुसाइड नोट नोट्स मिले हैं। बताया जा रहा है कि सभी शवों के मुंह पर जिस तरह से टेप लगाई गई है और उन्हें बांधा गया है वह हाथ से लिखे गए नोट्स की परिस्थितियों से मिलती हैं। 

प्रियंका की कुछ दिन पहले हुई थी सगाई

मृतकों में बुजुर्ग महिला नारायण के अलावा उसके दो बेटे ललित और भूपी हैं। इनके अलावा, दो बहू टीना और सविता, पोते-पोतियां नीतू, मोनू, ध्रुव, शिवम, बेटी बेबी और उसकी बेटी प्रियंका शामिल हैं। यह भी पता चला है कि प्रियंका की कुछ दिन पहले ही सगाई भी हुई थी।

इन्होंने गंवाई जान
1.नारायण देवी (मां, 77)

2.प्रतिभा (नारायण की बेटी, 57)

3.प्रियंका (नारायण की नातिन, 33)

4.भुवनेश उर्फ भूपी (बड़ा बेटा, 50)

5.श्वेता (भुवनेश की पत्नी, 48 )

6.नीतू (भुवनेश की बड़ी बेटी, 25)

7.मीनू (भुवनेश की छोटी बेटी, 23)

8.ध्रुव (भुवनेश का बेटा, 15)

9.ललित (छोटा बेटा, 45)

10.टीना (ललित की पत्नी, 42)

11.शिवम (ललित का बेटा, 15)

न किसी से दुश्मनी और किसी से नाराजगी
रिश्तेदारों के मुताबिक, पूरा परिवार बुराड़ी के संत नगर इलाके में पिछले दो दशक से भी अधिक समय से रहता था। एक साथ पूरे परिवार की मौत से हर कोई हैरान है। रिश्तेदारों का रो-रो कर बुरा हाल है। रिश्तेदारों और पड़ोसियों की मानें तो यह धार्मिक परिवार बेहद सादगी से रहता था। व्यवहार ऐसा कि शायद ही कोई दुश्मन बना हो।

परिजनों के शक जताने पर हुई FIR
परिजनों द्वारा हत्या का शक जताए जाने पर बुराड़ी थाना पुलिस ने फिलहाल अज्ञात के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस को शक है कि पहले बुजुर्ग महिला नारायण की कमरे में गला घोंटकर हत्या की गई, फिर दस लोगों में से अधिकतर ने स्वयं खुदकशी की, जबकि नाबालिग आदि कुछ लोगों को जबरन फंदे से लटका दिया गया। आमतौर पर खुदकशी की वारदात लोग बंद कमरे में करते हैं, लेकिन यहां प्रथम तल पर जाने वाली सीढ़ी के दोनों दरवाजे खुले थे। घर से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला।

हत्या-आत्महत्या में उलझी पुलिस
तमाम पहलुओं से करीब दस घंटे तक छानबीन करने के बावजूद पुलिस न तो हत्या के एंगल पर पहुंच पा रही है और न ही खुदकशी की ही पुष्टि कर पा रही है।

कुछ यूं था पूरा परिवार
बुराड़ी-संत नगर मेन रोड से सटे संत नगर की गली नंबर दो में बुजुर्ग महिला नारायण का मकान है। इसमें वह दो बेटों भुवनेश व ललित, उनकी पत्नियों, पोते-पोतियों व विधवा बेटी के साथ रहती थीं। ये लोग मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले थे और करीब 22 साल पहले यहां आकर बस गए थे। बुजुर्ग महिला के तीसरे बेटे का नाम दिनेश है, जो सिविल कांट्रेक्टर हैं और राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में परिवार के साथ रहते हैं। बुजुर्ग महिला के दोनों बेटों की भूतल पर एक परचून व दूसरी प्लाईवुड की दुकानें हैं। ऊपर पहली व दूसरी मंजिल पर आधे हिस्से में बने मकान में ये लोग रहते थे। रोज सुबह ललित अपने घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निंग वॉक पर जाते थे। उससे पहले शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे। दुकान सुबह छह बजे खुल जाती थी।

यूं पता चला घटना
रविवार सुबह जब दुकान नहीं खुली, तब शर्मा ने सीढ़ी का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खुला पाकर जब वह ललित को जगाने ऊपर गए तो ऊपर का दरवाजा भी खुला मिला। आगे जाने पर उन्होंने देखा कि बरामदे वाले हिस्से में दस लोगों के शव लटके हुए हैं, जबकि बुजुर्ग महिला का शव कमरे में पड़ा हुआ है। उसके बाद उन्होंने पड़ोस के लोगों व पुलिस को सूचना दी। 

पड़ोसी ने देखा भयंकर मंजर
जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह करीब 7:30 बजे एक पड़ोसी परिवार को देखने के लिए गया। लेकिन अंदर घुसते ही उसे दरवाजा खुला मिला, आगे बढ़ा तो वो भयानक मंजर देखकर वो भी सहम गया। तत्काल पड़ोसी ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस की छानबीन जारी है, आसपास के सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला जा रहा है। पुलिस के मुताबिक एक बुजुर्ग महिला अपने दो बेटों के 11 लोगों के परिवार के साथ करीब दो दशकों से यहां रह रहीं थीं। बुजुर्ग महिला का एक तीसरा बेटा भी है, चित्तौड़गढ़ में रहता है। वहीं, उसकी एक विधवा बेटी (58 साल) भी उनके साथ रहती थी। यह परिवार मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला था।

इन सवालों पर टिकी जांच

1. रविवार सुबह 11 मौतों का खुलासा तब हुआ जब पड़ोसी कुछ सामान के लिए उनकी परचून की दुकान पर गए। दुकान बंद थी। दुकान बंद होने और खुदकुशी या हत्या की बीच की कड़ी पुलिस को जोड़नी होगी।

2. क्या इस परिवार की कोई दुश्मनी थी किसी से? अगर ऐसा है तो फोन कॉल डिटेल पुलिस की जांच में मदद कर सकते हैं। 

3. इस परिवार का एक सदस्य राजस्थान में नौकरी करता है। परिवार की किसी से दुश्मनी का राज यह शख्स खोल सकता है।

4. इस हत्या या आत्महत्या में तंत्र-मंत्र का एंगल भी हो सकता है, क्योंकि हालात इसी ओर इशारा करते हैं।

5. कोई भी खुदकुशी मानसिक परेशानी या आर्थिक परेशानी के चलते करता है। ऐसे में पुलिस को यह पता लगाना होगा कि कहीं यह परिवार तंत्रमंत्र या फिर टोटके में विश्वास तो नहीं करता था। 

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