एनसीआर के लिए खतरे की घंटी है सोनीपत में भूकंप का केंद्र
खतरा - 6.5 तीव्रता के भूकंप पर तबाह हो सकती है आधी से अधिक दिल्ली - पूर्वी, उत्तर पूर्वी,
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : सोनीपत में भूकंप का अधिकेंद्र होना एनसीआर के लिए सीधे तौर पर खतरे की घंटी है। सिस्मिक जोन-4 में शामिल दिल्ली तो कभी भी तेज भूकंप से तबाह हो सकती है। रिक्टर स्केल पर 6.5 परिमाण (मैग्निट्यूड) का भूकंप जिसका केन्द्र दिल्ली या उसके समीप का इलाका हो, राजधानी में तबाही ला सकता है। यह तो शुक्र था कि सोनीपत में आए भूकंप की तीव्रता काफी कम थी। यदि यह 6 परिमाण या इससे अधिक होती तो दिल्ली में भी खासा होता।
मौसम विभाग के सिस्मोलॉजी डिपार्टमेंट के निदेशक ऑपरेशन जेएल गौतम ने बताया कि दिल्ली में हल्के झटके की सूचना है लेकिन यह प्रभावी नहीं है। यदि रिक्टर स्केल पर 6.5 परिमाण या उससे अधिक का भूकंप आता है तो यहां की इमारतों को भारी नुकसान हो सकता है।
डीयू में भू विज्ञान के प्रोफेसर सीएस दुबे बताते हैं, दिल्ली में भूकंप का खतरा ज्यादा है। यहां यमुना का क्षेत्र रेतीला होने के कारण अधिक प्रभावित होगा। भूकंप के लिहाज से दिल्ली असुरक्षित है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली एनसीआर में अंधाधुंध भवन निर्माण हो रहे हैं जबकि वृक्ष और वन क्षेत्र घट रहा है। इससे भौगोलिक स्तर पर स्थितियां बदल रही हैं। इसी का नतीजा है कि अबकी बार एनसीआर में ही भूकंप का अधिकेंद्र बन गया।
राजधानी में भूकंप आने पर पड़ने वाले प्रभाव विषय पर शोध कर रहे भू-विज्ञान के छात्रों ने एक शोध के बाद पाया है रिक्टर स्केल पर 6.5 परिमाण का भूकंप दिल्ली के लिए काफी खतरनाक है। दिल्ली के मकान भूकंपरोधी नहीं हैं इसलिए यहां पर इससे नुकसान भी अधिक होगा। सबसे अधिक प्रभावी इलाकों में पूर्वी, उत्तर पूर्वी और नई दिल्ली है। यदि यहां 6.5 की क्षमता का भूकंप आता है तो राजधानी में जान माल का भारी नुकसान हो सकता है।