गुत्थी सुलझाने में जुटी फोरेंसिक टीम
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली बुराड़ी के एक घर में ग्रिल से लटके हुए नौ शवों को लेकर सभी के दिमाग में
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली
बुराड़ी के एक घर में ग्रिल से लटके हुए नौ शवों को लेकर सभी के दिमाग में पहला सवाल यही है कि यह कैसे संभव हुआ होगा। आखिर कैसे संभव है कि एक ही परिवार के 11 लोगों ने फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। दिल्ली पुलिस की जांच टीम व फोरेंसिक टीम की पूरी जांच इसी गुत्थी को सुलझाने पर टिकी है। फोरेंसिक टीम ने मौके पर शवों का हर एंगिल से न सिर्फ माप लिया, बल्कि फोटोग्राफी भी कराई।
टीम ने जांच के दौरान बारीकी से देखा कि एक शव से दूसरे शव के बीच की दूरी कितनी थी? शवों के पैर जमीन से कितने ऊपर थे? हाथों को कैसे बांधा गया था? इतना ही नहीं, अगर घटना खुदकशी की है तो क्या एक साथ नौ लोग इस तरह से खुदकशी कर सकते हैं या नहीं? बरामदे में मिले 10 शवों में से दो के हाथ खुले मिले हैं, जबकि आठ के हाथ बंधे मिले। इस पहलू पर भी टीम जांच कर रही है। माप के साथ ही टीम ने अलग-अलग एंगिल से पूरे क्राइम सीन की फोटोग्राफी कराई, ताकि हर पहलू की जांच की जा सके। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साफ हो सकेगा कि क्या सभी मृतकों की मौत एक ही समय पर हुई है या फिर अलग-अलग। एक-दूसरे की मौत के समय में कितना अंतर है। हर पहलू को जांचकर निष्कर्ष
पर पहुंचेगी टीम
दिल्ली पुलिस की जांच टीम व फोरेंसिक टीम सभी पहलुओं का आकलन करने के बाद अपनी रिपोर्ट देगी। फोरेंसिक टीम एक क्राइम सीन रिक्रिएट करके भी देखेगी कि जो माप उन्होंने लिया है उसके हिसाब से क्या एक ग्रिल पर नौ लोग एक साथ खुदकशी कर सकते हैं। खौफनाक दृश्य देखकर कांपी विशेषज्ञों की रूह
दिल्ली पुलिस व फोरेंसिक लैब की टीम को घर के अंदर दाखिल होने से पहले तनिक भी आभास नहीं था कि वह अगले ही पल किसी खौफनाक दृश्य को देखने जा रही है। बरामदे में लटके हुए नौ शवों को देखकर पुलिस व फोरेंसिक टीम की रूह कांप गई। नौ शवों के बीच रहकर साक्ष्यों को जुटाना टीम के लिए कतई आसान नहीं था। करीब चार घंटे तक मौके पर एक-एक शव का परीक्षण कर साक्ष्य जुटाने में फोरेंसिक टीम कर्मियों व अधिकारियों के पसीने छूट गए।