शादी में 7 फेरों से पहले नया ट्वीस्ट, पुलिस के सामने दूल्हे की 'OK' पर दुल्हन बोली- ' तो हम हुए आपके'
हापुड़ जिले के धौलाना इलाके में एक बेटी ने शादी के दौरान फेरे लेने से इन्कार कर दिया। फिर उसने चुपचाप महिला हेल्पलाइन पर शिकायत भी कर दी।
By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 02 Jul 2018 10:33 AM (IST)
गाजियाबाद (जेएनएन)। केंद्र में सत्तासीन मोदी सरकार का 'बेटी बचाओ-बेटी बढ़ाओ' अभियान रंग ला रहा है। इसका असर शहरों से आगे बढ़कर ग्रामीण इलाकों तक पहुंच गया है। वहीं, इस बाबत लोगों में जागरूकता भी आई है। लड़कियों में पढ़ाई के प्रति जागरूकता का दिल्ली से सटे हापुड़ में हैरान करने वाला मामला सामने आया है, लेकिन सकारात्मक है।
पढ़ाई जारी रखने की स्वीकृति पर विवाह को तैयार हुई दुल्हन
हापुड़ जिले के धौलाना इलाके में एक बेटी ने शादी के दौरान फेरे लेने से इन्कार कर दिया। उसने चुपचाप महिला हेल्पलाइन पर शिकायत करते हुए स्वयं को नाबालिग बताकर विवाह रुकवाने की मांग की। इस पर महिला हेल्पलाइन और पुलिस की टीम गांव में पहुंची और पूरे मामले की जानकारी ली, हालांकि वह बालिग थी।युवती ने उन्हें बताया कि उसके परिजन उसकी पढ़ाई छुड़वा कर विवाह कर रहे हैं, जबकि वह अभी पढ़ाई जारी रखना चाहती है। इसके बाद होने वाले ससुरालियों ने उसे पढ़ाई जारी रखने की स्वीकृति दे दी।
हापुड़ जिले के धौलाना इलाके में एक बेटी ने शादी के दौरान फेरे लेने से इन्कार कर दिया। उसने चुपचाप महिला हेल्पलाइन पर शिकायत करते हुए स्वयं को नाबालिग बताकर विवाह रुकवाने की मांग की। इस पर महिला हेल्पलाइन और पुलिस की टीम गांव में पहुंची और पूरे मामले की जानकारी ली, हालांकि वह बालिग थी।युवती ने उन्हें बताया कि उसके परिजन उसकी पढ़ाई छुड़वा कर विवाह कर रहे हैं, जबकि वह अभी पढ़ाई जारी रखना चाहती है। इसके बाद होने वाले ससुरालियों ने उसे पढ़ाई जारी रखने की स्वीकृति दे दी।
थाना प्रभारी ने कहा कि महिला हेल्पलाइन की टीम ने बताया कि युवती विवाह करने के लिए मान गई है। वह पढ़ाई जारी रखना चाहती थी जिसे ससुराल वालों ने स्वीकृति दे दी है।
गौरतलब है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP) महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास की एक संयुक्त पहल है। इसके अंतर्गत बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी,2015 को की गई, जिसे निम्नतम लिंगानुपात वाले 100 जिलों में शुरू किया गया है।वहीं, सभी राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों को कवर 2011 की जनगणना के अनुसार निम्नतम बाल लिंगानुपात के आधार पर प्रत्येक राज्य में कम से कम एक जिले के साथ 100 जिलों को एक पायलट जिले के रूप में चयन किया गया है।
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