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11 मौतों पर परिवार की सदस्य ने कहा- नहीं था बाबाओं पर भरोसा, अध्यात्म का एंगल भी ठुकराया

सुजाता ने जोर देकर अध्यात्म और अंधविश्वास के एंगल को साफतौर पर ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि उनका परिवार खुश था और वे एक-दूसरे को प्यार करते थे।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 02 Jul 2018 05:16 PM (IST)
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11 मौतों पर परिवार की सदस्य ने कहा- नहीं था बाबाओं पर भरोसा, अध्यात्म का एंगल भी ठुकराया
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत का राज गहराता ही जा रहा है। जहां एक और घर पर मिले दो रजिस्टर और अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट खुदकुशी की ओर इशारा कर रही है, वहीं, परिवार की सदस्य सुजाता ने सोमवार को मीडिया के सामने आकर अध्यात्म और तंत्रमंत्र के एंगल का खंडन किया है। परिवार की अहम सदस्यों में शुमार सुजाता ने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में कहा कि किसी ने 11 लोगों को मारा है।

उन्होंने जोर देकर अध्यात्म और अंधविश्वास के एंगल को साफतौर पर ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि उनका परिवार खुश था और वे एक-दूसरे को प्यार करते थे। सुजाता ने यह भी कहा कि उनका परिवार बाबाओं पर विश्वास नहीं करता था।

गौरतलब है कि दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज घटना में बुराड़ी स्थित एक घर में रविवार सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए। मृतकों में सात महिलाएं व चार पुरुष हैं, जिनमें दो नाबालिग हैं। एक महिला का शव रोशनदान से तो नौ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला। नौ के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।

बुराड़ी पुलिस ने परिजनों की आशंका पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। देर रात मेडिकल बोर्ड की निगरानी में चार शवों का पोस्टमार्टम हो चुका था। पुलिस के अनुसार, डॉक्टर प्रथम दृष्टया मौत का कारण आत्महत्या मान रहे हैं।

बुराड़ी-संत नगर मेन रोड से सटे संत नगर की गली नंबर दो में बुजुर्ग महिला नारायण का मकान है। इसमें वह दो बेटों भुवनेश व ललित, उनकी पत्नियों, पोते-पोतियों व विधवा बेटी संग रहती थीं। ये लोग मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे और 22 साल पहले यहां आकर बसे थे। बुजुर्ग महिला के तीसरे बेटे दिनेश सिविल कांटेक्टर हैं और राजस्थान के चित्ताैड़गढ़ में रहते हैं। बुजुर्ग महिला के दोनों बेटों की भूतल पर एक परचून व दूसरी प्लाईवुड की दुकान है। ऊपर पहली व दूसरी मंजिल पर परिवार रहता था।

रोज सुबह ललित घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निग वॉक पर जाते थे। उससे पहले शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे। रविवार सुबह दुकान नहीं खुली तो शर्मा दरवाजा खटखटाने गए, पर दरवाजा खुला था तो वह ऊपर चले गए। ऊपर का दरवाजा भी खुला था। आगे जाने पर उनकी रूह कांप गई। बरामदे वाले हिस्से में दस लोगों के शव लटके थे, जबकि एक महिला का शव कमरे में पड़ा था।

उन्होंने पड़ोसियों के अलावा पुलिस को सूचना दी। थोड़ी ही देर में दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त कानून व व्यवस्था उत्तरी संदीप गोयल, संयुक्त आयुक्त राजेश खुराना समेत कई जिलों के डीसीपी, एडिशनल डीसीपी समेत 22 इंस्पेक्टर व आठ एसीपी पहुंच गए। जिला पुलिस समेत क्राइम ब्रांच की 12 टीमें जांच कर रही हैं।

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