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धर्म नहीं, ज्ञान आधारित हो शिक्षा: दलाई लामा

धर्मगुरु दलाई लामा का मानना है कि दुनिया में धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि सामान्य ज्ञान और वैज्ञानिक आधार पर शिक्षा होनी चाहिए।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 02 Jul 2018 08:45 PM (IST)
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धर्म नहीं, ज्ञान आधारित हो शिक्षा: दलाई लामा

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दुनिया में धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि सामान्य ज्ञान और वैज्ञानिक आधार पर शिक्षा दिए जाने की जरूरत है। यह कहना है धर्मगुरु दलाई लामा का। सोमवार को त्यागराज स्टेडियम में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम को लाच करते हुए लामा ने कहा कि आज पूरी दुनिया भावनात्मक संकट का सामना कर रही है। इससे निपटने के लिए भारतीय प्राचीन ज्ञान बहुत प्रासंगिक है।

उन्होंने दिल्ली सरकार के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि भारत के पास परंपरागत मूल्य हैं, जिन्हें शिक्षा में सम्मिलित करना चाहिए। अभी तक अंग्रेजों की शिक्षा को आगे बढ़ाया जा रहा था। अब हमें आधुनिक शिक्षा को परंपरागत मूल्य के साथ पढ़ाना चाहिए। नालंदा विश्वविद्यालय ने सर्वश्रेष्ठ विद्वान और सर्वश्रेष्ठ भिक्षुओं को दिया है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने इस शैक्षणिक सत्र में अपने सभी स्कूलों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम की शुरुआत की है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम की शुरुआत 100 साल पहले हो जानी चाहिए थी। हैप्पीनेस को शिक्षा में शामिल कर बच्चों को देशभक्ति का पाठ पढ़ाया जाएगा, उनमें विश्वास जगाने की कोशिश भी की जाएगी। वहीं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा अपना काम कर रही है। मगर इसमें मानवता की कमी नजर आती है। दिल्ली में अब हैप्पीनेस पाठ्यक्रम की शुरुआत हो रही है। आने वाले दिनों में देशभर में दिल्ली को पहचाना जाएगा।

क्या है हैप्पीनेस पाठ्यक्रम

यह दुनिया का पहला ऐसा प्रयोग है जहा 45 मिनट के लिए रोजाना नर्सरी से 8वीं तक हैप्पीनेस की क्लास होगी। इनमें आठ लाख बच्चे शामिल होंगे। रोजाना एक क्लास पांच मिनट के साइंटिफिक मेडिटेशन से शुरू होगी और पांच मिनट के मेडिटेशन से खत्म होगी। रोजाना 50 हजार शिक्षक और 10 लाख बच्चे इस मेडिटेशन का हिस्सा बनेंगे। इसके अलावा कई एक्टिविटी भी कराई जाएंगी।

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