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स्त्री शक्ति के सुझावों से महिला सुरक्षा को मिलेगी मजबूती

उपनगरी द्वारका में आखिर किस तरह के इंतजाम किए जाएं, जिससे महिलाएं घर से बाहर निकलने पर खुद को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करें। सौ टके के इस सवाल का जवाब पुलिस ने उन युवतियों व महिलाओं से पूछा जो रोजाना घर से बाहर निकलकर बाजार या कार्यालय तक रोजाना सफर करती हैं। अच्छी बात यह रही कि पुलिस के इस सवाल का महिलाओं ने पूरे उत्साह व गंभीरता के साथ जवाब भी दिया और अपनी ओर से कई सुझाव भी दिए। इस कार्य के लिए पुलिस ने स्त्री शक्ति के नाम से एक महिला समूह का गठन किया था। तमाम सुझावों को पुलिस एकत्रित कर रिपोर्ट का रूप दिया है। यह रिपोर्ट पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त फिर संबंधित विभागों के अधिकारियों को सौंपी जाएगी ताकि वे अपने अपने स्तर पर उपयुक्त सुझावों पर गौर करें। इसलिए पड़ी जरुरत

By JagranEdited By: Updated: Mon, 02 Jul 2018 09:02 PM (IST)
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स्त्री शक्ति के सुझावों से महिला सुरक्षा को मिलेगी मजबूती
गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली

उपनगरी द्वारका में आखिर किस तरह के इंतजाम किए जाएं, जिससे महिलाएं घर से बाहर निकलने पर खुद को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करें। सौ टके के इस सवाल का जवाब पुलिस ने उन युवतियों व महिलाओं से पूछा जो रोजाना घर से बाहर निकलकर बाजार या कार्यालय तक रोजाना सफर करती हैं। अच्छी बात यह रही कि पुलिस के इस सवाल का महिलाओं ने पूरे उत्साह व गंभीरता के साथ जवाब भी दिया और अपनी ओर से कई सुझाव भी दिए। इस कार्य के लिए पुलिस ने स्त्री शक्ति के नाम से महिला समूह का गठन किया था। तमाम सुझावों को पुलिस ने एकत्रित कर इसे रिपोर्ट का रूप दिया है। यह रिपोर्ट पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त फिर संबंधित विभागों के अधिकारियों को सौंपी जाएगी, ताकि वे अपने अपने स्तर पर उपयुक्त सुझावों पर गौर करें।

इसलिए पड़ी जरूरत

अभी 23 सेक्टरों में बंटी द्वारका उपनगरी में झपटमारी व छेड़खानी के मामले सामने आते रहते हैं। कई मामलों में महिलाएं अपनी शिकायत थाने में दर्ज करा देती हैं तो कई मामलों में वे थाने के पचड़े में न पड़कर चुप्पी साध लेती हैं। दोनों ही तरह के मामले पुलिस के लिए परेशानी वाली स्थिति पैदा करती हैं। कुछ महीने पुलिस ने उपनगरी की सुरक्षा को मजबूत करते हुए पांच स्तरीय सुरक्षा प्रणाली लागू की थी। इसके तहत उपनगरी की बाहरी सीमाओं से लेकर अलग-अलग हिस्सों में बैरिके¨डग के साथ गश्त प्रणाली को मजबूत किया गया था। इसके नतीजे उत्साहजनक तो हुए, लेकिन इसके बावजूद बदमाश महिलाओं को शिकार बनाने में कामयाब हो जाते हैं। बदमाशों का सबसे आसान शिकार वे महिलाएं होती हैं जो शाम को मेट्रो स्टेशन से अपने घर की ओर जा रही होती हैं। मेट्रो गलियारे के आसपास कई मीटर का इलाका सुनसान होता है। ऐसे में बदमाश वारदात को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं।

ऐसे हुआ सर्वे

एक महिला प्रशिक्षु अधिकारी की देखरेख में टीम बनाई गई। टीम में महिला पुलिसकर्मियों के अलावा उपनगरी में सामाजिक मुद्दों को लेकर सक्रिय रहने वाली महिलाएं को भी शामिल किया गया था। कुछ शिक्षण संस्थान की छात्राओं को भी शामिल किया गया है। इस समूह को स्त्री शक्ति का नाम दिया गया। स्त्री शक्ति महिलाओं के बीच गई और सुरक्षा को लेकर उनके सुझाव लिए। तीन महीने तक सर्वे से जुड़ा यह कार्य किया गया। इस दौरान सैकड़ों महिलाओं के सुझाव एकत्रित किए गए।

सुझावों का क्या होगा

जो सुझाव जिस विभाग से जुड़ा होगा पुलिस के अधिकारी उस विभाग के पास सुझाव भेजेंगे। मसलन यदि महिला ने अपने सुझाव में कहा है कि रात को जब वह निकलती है तो सड़क पर उसका सामना घने अंधेरे से होता है तो पुलिस बीएसईएस को इससे अवगत कराएगी। यदि कोई महिला यह कहती है कि पेड़ की घनी टहनियों के कारण स्ट्रीट लाइट की रोशनी सड़क तक नहीं पहुंच रही है तो पुलिस उद्यान विभाग को इसकी जानकारी देगी। इसी तरह यदि महिलाओं ने अपने सुझाव में कहा है कि सड़क पर लोग खुले में शराब का सेवन करते हैं तो संबंधित थाने को इस बात का निर्देश दिया जाएगा कि ऐसा किसी भी कीमत पर न हो।

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