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बरगद की जड़ों की तरह लटके थे सभी 10 लोग

-जान देना नहीं था उद्देश्य, सभी को था विश्वास भगवान उन्हें नहीं देंगे मरने -ललित कहता था उसक

By JagranEdited By: Updated: Mon, 02 Jul 2018 10:02 PM (IST)
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बरगद की जड़ों की तरह लटके थे सभी 10 लोग

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

बुराड़ी के संत नगर स्थित एक घर में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में बहेद हैरान करने वाली बात सामने आई है। मरने वालों में शामिल ललित परिजनों से कहता था कि उसके शरीर में पिता की आत्मा आती है। उनके बताए अनुसार ही शनिवार देर रात घर के सभी सदस्यों ने पहले पूजा अनुष्ठान किया था, हवन किया था फिर वट पूजा के लिए बरगद की तरह दस लोग छत पर लगे लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों के जरिये लटक गए थे। सभी से कहा गया था कि वट पूजा से भगवान के दर्शन होते हैं। बरगद की जड़ों की तरह लटक कर पूजा करने से किसी की जान नहीं जाएगी। भगवान किसी को मरने नहीं देंगे। अंधविश्वास ने सभी की जान ले ली।

क्राइम ब्रांच को मृतकों के घर से मिले कुछ रजिस्टर से इस तरह की जानकारी मिली है। पुलिस को रजिस्टर में अलौकिक शक्तियां, मोक्ष के लिए मौत ही एक द्वार व आत्मा का अध्यात्म से रिश्ता जैसी अजीबोगरीब बातें लिखी मिलीं हैं। रजिस्टर में लिखा हुआ है कि मोक्ष प्राप्त करना है तो जीवन को त्यागना होगा.। जीवन को त्यागने के लिए मौत को गले लगाना होगा। मौत को गले लगाने से कष्ट होगा। कष्ट से छुटकारा पाना है तो आंखें बंद करनी होगी।

पुलिस का कहना है कि दस साल पहले ललित के पिता भोपाल दास भाटिया की मृत्यु हो गई थी। दरअसल वह आर्मी में थे। घोड़े से गिर जाने से उनके पैर की हड्डी टूट गई थी, जिससे सेवानिवृत्ति से पूर्व उन्होंने वीआरएस ले लिया था। ललित का परिवार वैसे तो कई पीढि़यों से काफी धार्मिक प्रवृत्ति के रहे हैं। सभी सदस्य धर्म कर्म व तंत्रमंत्र में विश्वास करते रहे हैं। पिता की मृत्यु के बाद उनका सबसे छोटा बेटा ललित कई महीने तक मौन व्रत था। मौन व्रत तोड़ने के बाद उन्होंने दावा किया था कि उनके शरीर में पिता की आत्मा आती है। वह कभी पूजा करने के दौरान पिता बन जाते थे और उनके अनुसार घर के सभी सदस्यों से बात करने लगते थे। घर के सभी सदस्यों को भी यह विश्वास हो गया था कि ललित के शरीर में पिता की आत्मा आती है। इसलिए सभी उनकी बातों को मानने लगे थे।

पुलिस को जानकारी मिली है कि ललित 2013 यानी पिछले छह सालों से प्रतिदिन घर में रजिस्टर में सभी सदस्यों के दिनचर्या के बारे में लिख देता था कि किस सदस्य को पूरे दिन से रात तक क्या-क्या करना है। किसे कब जागना है। जागने के बाद किसे क्या करना है। किस तरह के कपड़े पहनने हैं। क्या खाना है। कौन-कौन खाना बनाएंगे। कौन जोत जलाएंगे। अगर कोई सदस्य कभी उनके निर्देश का पालन नहीं करता था तो वह पिता की आत्मा आने की ढोंग कर उन्हें नसीहत देते थे और सजा देने की धमकी देते थे। किसे किस दिन कहां सोना है ये बातें भी वही बताते थे। ऐसे में माना जा रहा है कि घर के सभी सदस्य ललित की बातों को मानने थे और उनके द्वारा बताए रास्ते पर ही चलते थे। पुलिस ने जांच के लिए दर्जनों पुराने रजिस्टर भी जब्त कर लिए हैं।

पुलिस अधिकारी का कहना है कि ग्रिल व रोशनदान के रॉड से लटके मिले सभी दस लोगों के शवो को जिस तरह के निर्देश दिए गए थे उसका सभी ने पालन किया था। रजिस्टर में ये लिखी हुई मिली है कि आंखों में पट्टी अच्छे से बांधनी है। पट्टी इस तरह बांधे जिससे शून्य के अलावा कुछ नहीं दिखना चाहिए। बरगद की तरह लटकने के लिए रस्सी के तौर पर सूती साड़ी या चुन्नी का प्रयोग करना है। सात दिनों तक लगातार पूजा करनी है। कोई घर में आ जाए तो अगले पूजा का दिन गुरूवार या रविवार को चुनिये। सभी की सोच एक जैसी होनी चाहिए। ऐसा करने से ही तुम्हारे आगे के काम दृढ़ता से शुरू होंगे। आगे लिखा है कि हाथों की पंिट्टयां बच जाए तो उसे आंखों पर डबल कर लेना, मुंह की पंट्टी को भी रूमाल से डबल कर लेना। जितनी दृढृता व श्रद्धा दिखाओगे उतना ही उचित फल मिलेगा।

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