CBI ने घूसखोरी में एमईएस के चीफ इंजीनियर सहित 6 को पकड़ा
रविवार से शुरू की गई छानबीन दिल्ली, अजमेर, कोलकाता और चीफ इंजीनियर के कोच्चि स्थित घर सहित 20 स्थानों पर की गई।
By Manish NegiEdited By: Updated: Mon, 02 Jul 2018 10:26 PM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र। सीबीआइ ने घूसखोरी के आरोप में कोच्चि स्थित नौसेना के मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस) के चीफ इंजीनियर राकेश कुमार गर्ग सहित छह अन्य को गिरफ्तार किया है। इनके पास से रिश्वत के तौर पर दिए गए 1.21 करोड़ रुपये भी मिले हैं। यह जानकारी जांच एजेंसी के अधिकारियों ने सोमवार को दी। गौरतलब है कि जांच एजेंसी ने छानबीन का काम उस सूचना के बाद शुरू किया, जिसमें गर्ग द्वारा कोच्चि नौसैनिक अड्डे से संबंधित कई असैन्य ठेके देने के बदले एक प्रतिशत रिश्वत मांगने और लेने की बात कही गई थी।
रविवार से शुरू की गई छानबीन दिल्ली, अजमेर, कोलकाता और चीफ इंजीनियर के कोच्चि स्थित घर सहित 20 स्थानों पर की गई। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान एजेंसी को 3.97 करोड़ रुपये नकद और छह किलोग्राम सोने के बिस्कुट और मिले हैं। आरोप है कि गर्ग ने कोलकाता के एक बिल्डर पुष्कर भसीन से 83 लाख रुपये और अजमेर के एक बिल्डर प्रफुल्ल जैन से 89 लाख रुपये मांगे थे।गौरतलब है कि इन दोनों को इसी साल अप्रैल में संयुक्त रूप से कोच्चि के मुंदावेलि में नौसैनिकों के लिए घर बनाने का ठेका 177.33 करोड़ रुपये में मिला था। दर्ज एफआइआर के मुताबिक कोलकाता का बिल्डर भसीन अपने हिस्से के 83 लाख रुपये कोच्चि के एक ठेकेदार कनव खन्ना को दे चुका था, जबकि प्रफुल्ल अपने अजमेर के रिश्तेदार सुबोध जैन की मदद से 38 लाख रुपये का इंतजाम कर रहा था। जांच एजेंसी ने रिश्वत के पैसे का लेनदेन करने के दौरान ही इन्हें पकड़ा।
सीधे पैसे नहीं लेता था चीफ इंजीनियरजांच एजेंसी सीबीआइ के मुताबिक चीफ इंजीनियर गर्ग केरल के एक दूसरे ठेकेदार कनव खन्ना के माध्यम से पैसे लेता था। यह भी पता चला है कि खन्ना को रिश्वत के पैसे या तो सीधे या फिर हवाला के माध्यम से भेजे जाते थे। रिश्वत के पैसे पहले खन्ना के घर पर आते थे। इसके बाद खन्ना या उसका कोई सहयोगी गर्ग के भाई संजीव अग्रवाल के घर पहुंचाते थे।
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