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लोगों के गले नहीं उतर रही आत्महत्या की थ्योरी, खौफ में गुजरी पड़ोसियों की रात

लोग एक दूसरे से सवाल कर रहे हैं कि आखिर ऐसा कैसे संभव है कि चंद मिनट पहले तक सामान्य दिखने वाले भाटिया परिवार ने अचानक खुदकशी करने का सामूहिक निर्णय ले लिया।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Tue, 03 Jul 2018 06:32 PM (IST)
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लोगों के गले नहीं उतर रही आत्महत्या की थ्योरी, खौफ में गुजरी पड़ोसियों की रात
नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। पुलिस की जांच से लेकर पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भले ही 11 लोगों की मौत खुदकशी से होना बता रही हो, लेकिन परिजनों और पड़ोसियों के जेहन में ऐसे कई सवाल हैं, जिनका उन्हें जवाब नहीं मिल रहा है। लोग एक दूसरे से सवाल कर रहे हैं कि आखिर ऐसा कैसे संभव है कि चंद मिनट पहले तक सामान्य दिखने वाले भाटिया परिवार ने अचानक खुदकशी करने का सामूहिक निर्णय ले लिया। इस घटना से स्तब्ध ललित की बहन सुजाता कहती हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। उन्होंने साफ कहा कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य किसी बाबा के संपर्क में नहीं था और न ही मोक्ष की प्राप्ति के लिए उन्होंने ऐसा कुछ किया है। उन्होंने पूरी घटना को हत्या करार दिया और मामले की गंभीरता से जांच की बात कही।

ललित के एक अन्य रिश्तेदार तिलक राज कटारिया ने कहा कि उन्हें पुलिस की थ्योरी पर बिल्कुल यकीन नहीं है कि सभी ने खुदकशी की है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति बाबा के चक्कर में अपने बच्चों समेत सभी लोगों की हत्या नहीं कर सकता। घटना के पीछे बड़ी साजिश है और पुलिस को मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए।

एक बुजुर्ग महिला शांति देवी कहती हैं कि शनिवार की रात करीब पौने ग्यारह बजे तक वह ललित की दुकान पर ही थीं। ललित के बेटे से उन्होंने बात भी की थी। जब उन्होंने यह पूछा कि पढ़ाई कैसी चल रही है तो उसने कहा कि अच्छी चल रही है और अब तो सोमवार से स्कूल खुल जाएगा। घर के पास स्थित मंदिर के पुजारी जगदीश शर्मा ने बताया कि ललित का भाई भुवनेश रोजाना दुकान खोलने से पहले मंदिर में जल चढ़ाने आता था। पूरा परिवार ही सज्जन प्रवृत्ति का था। वह परिवार के सदस्यों को जानते हैं कोई भी इस तरह से खुदकशी नहीं कर सकता।

हत्या मान रही हैं अधिकतर महिलाएं 

संत नगर के भाटिया परिवार के 11 लोगों की एक साथ तंत्रमंत्र के चक्कर में खुदकशी कर लेने की बात न परिजनों और न ही उनके पड़ोसियों को हजम हो रही है। दोनों इसे हत्या करार दे रहे हैं। उन्हें पुलिस की कहानी पर भरोसा नहीं हो रहा है। महिलाओं का कहना है कि पूरा परिवार पिछले 20 साल से यहां रह रहा है। सभी लोग आम लोगों की तरह सामान्य जीवन जीते थे। उनकी बातचीत में तंत्रमंत्र की चर्चा तक नहीं होती थी। ललित की भांजी प्रियंका जॉब करती थी। दोनों भाई कारोबार करते थे। बच्चे भी पढ़ाई कर रहे थे।

पड़ोसी मीनू कहती हैं कि भाटिया परिवार की महिलाओं से बातचीत में कभी ऐसा नहीं लगा कि वह जादू टोना या तंत्रमंत्र जैसे किसी चीज पर भरोसा करती थीं। आशा ने बताया कि उनके घर में भजन कीर्तन, भंडारे आदि होते रहते थे। परिवार के लोग जरूरतमंद की मदद किया करते थे। बबीता कहती हैं कि परिवार के लोग धार्मिक प्रवृत्ति के थे, लेकिन मोक्ष पाने या तंत्रमंत्र के चक्कर में ऐसा कदम उठा लेंगे। ऐसा कभी संकेत भी नहीं मिला।

पड़ोसी सुजाता सिंह कहती हैं कि पूरा परिवार शिक्षित था। दोनों भाइयों के बच्चे स्कूल जाते थे। दोनों भाइयों का स्वभाव जरूरत से ज्यादा अच्छा था। हर रोज वह सुविचार लिखकर लोगों को अच्छे काम के लिए प्रेरित किया करते थे। उनके लिखे सुविचार अच्छा बोलने, सबके साथ अच्छा व्यवहार करने की शिक्षा देते थे। नारायण भी नेक इंसान थीं। वह कॉलोनी में हर भजन कीतर्न में भाग लेती थीं। हालांकि कुछ दिनों से बीमार होने के कारण घर से नहीं निकल रही थीं। लेकिन, कभी ऐसा नहीं लगा परिवार धर्मांध था।

खौफ के साये में गुजरी पड़ोसियों की रात बुराड़ी

स्थित गली नंबर-2 में 11 शवों का एक ही घर से निकलना स्थानीय लोगों के जेहन में बस गया है। बार-बार घर के आसपास पूरा दिन मीडिया और पुलिस के जमावड़ा के बीच बीतने के बाद स्थानीय नागरिकों की रात खौफ के साये में बीती। देर रात तक पड़ोसियों से लेकर पूरे इलाके में इसी खबर की चर्चा रही। पड़ोसियों को तो रात भर नींद भी नहीं आई।

पड़ोस में रहने वाली अनीता ने बताया कि पूरी रात सभी लोगों के चेहरे सामने आते रहे। कल तक जिनसे बात होती थी, उनकी शवों को देखना काफी दुखद रहा। अगर इस घटना को किसी और ने अंजाम दिया है तो किसी के साथ कुछ भी हो सकता है। पड़ोसी गुरचरण सिंह ने बताया कि घटना के बाद से वह अब तक एक मिनट के भी सो नहीं सके। देर रात तक तो सभी लोग एक साथ ही बैठकर पूरी घटना पर बात करते रहे। जिस तरह से घटना हुई उसके बीच नींद कैसे आ सकती है।

करणी सेना ने की सीबीआइ जांच की मांग

बुराड़ी में हुई घटना के मामले में करणी सेना ने हत्या का शक जताते हुए सीबीआइ जांच की मांग की है। सेना के समर्थकों ने मौलाना आजाद मोर्चरी के समीप पहुंच विरोध दर्ज कराया। श्रीराजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि वे नारायण देवी के परिवार को नजदीकी से जानते थे। बुराड़ी में 11 लोगों की मौत के पीछे मोक्ष प्राप्ति की बात कही जा रही है, वह मनगढ़ंत है। मामला हत्या का है। लिहाजा उनकी मांग है कि मामले की जांच सीबीआइ करे।

सेना के पदाधिकारी और मृतक टीना के भाई के बेटे विश्वबंधु सिंह राठौर ने बताया कि परिवार धार्मिक तो था लेकिन अंधविश्वासी नहीं था। उन्होंने बताया कि ललित की मौन धारण करने की बात भी गलत है। 11 वर्ष पहले उनपर हमला हुआ था। इसमें उनकी आवाज चली गई थी, लेकिन बाद में वे ठीक भी हो गए थे। 

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