उद्यमियों की ही होगी प्लास्टिक कचरा निस्तारण की जिम्मेदारी
पर्यावरण सरोकार ------------ - सीपीसीबी ने शुरू की उद्यमियों के ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिय
By JagranEdited By: Updated: Tue, 03 Jul 2018 08:39 PM (IST)
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली
प्लास्टिक कचरे के निपटान की जिम्मेदारी भी अब प्लास्टिक उद्यमियों की ही होगी। इसके लिए उन्हें बाकायदा संग्रह केंद्र तय करने होंगे और किसी विशेषज्ञ एजेंसी संग अनुबंध करना होगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने प्लास्टिक उद्यमियों की ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इलेक्ट्रॉनिक कचरे की ही तरह प्लास्टिक कचरा भी देश और दुनिया के ही लिए नासूर बनता जा रहा है। माइक्रो प्लास्टिक के कण न हमारे शरीर में पहुंचकर फेफड़ों और आंतों तक को हानि पहुंचाने के साथ-साथ कैंसर का कारक बन रहे हैं। सीपीसीबी की एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में सालाना 15 लाख 90 हजार टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है जबकि दिल्ली में यह आंकड़ा 750 टन सालाना है। विडंबना यह है कि देशभर में सिर्फ 1.5 फीसद प्लास्टिक कचरे का निस्तारण हो पा रहा है, दिल्ली में तो इतनी व्यवस्था भी नहीं है।
इसी समस्या के समाधान की दिशा में यह तय किया गया है कि प्लास्टिक उद्यमी ही प्लास्टिक कचरे का निस्तारण करेंगे। उपयोग में लाने के बाद लोग प्लास्टिक के कचरे को इधर-उधर न फेंके, इसके लिए हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में जगह-जगह संग्रह केंद्र बनाए जाएंगे। लोग यहां प्लास्टिक कचरा जमा कराएंगे। इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरुआत में कोई पुरस्कार योजना भी बनाई जाएंगी। जो भी कचरा यहां एकत्र होगा, उसका या तो उद्यमी स्वयं या किसी थर्ड पार्टी एजेंसी के जरिए निस्तारण करेंगे। इस योजना को अमल में लाने के लिए सीपीसीबी ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को अपने सभी प्लास्टिक उद्यमियों की सूची तैयार करने का निर्देश जारी कर दिया है। इसके अलावा स्वयं के स्तर पर प्लास्टिक उद्यमियों के ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके तहत सभी प्लास्टिक उद्यमियों और ब्रांड मालिकों को अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य है। उन्हें यह जानकारी देनी होगी कि वे क्या बनाते हैं, कचरे का निपटान कैसे करते हैं और आगे चलकर अपने उत्पादों के कचरे का निपटान कैसे करेंगे। जो उद्यमी पंजीकरण नहीं कराएंगे, भविष्य में उनकी इकाई बंद भी की जा सकती है। ज्ञात हो कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने वाले उद्यमियों के लिए पहले ही इस तरह की व्यवस्था बनाई जा चुकी है।
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प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के अंतर्गत सभी प्लास्टिक उद्यमियों का पंजीकरण किया जा रहा है। फिलहाल इसके लिए कोई अंतिम तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन जल्द ही इसे लेकर कुछ सख्त आदेश जारी किए जा सकते हैं। -डॉ. एसके निगम, अतिरिक्त निदेशक, सीपीसीबी।
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