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फिल्मों ने जीता दिल, जुड़ती गई दिल्ली

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सिरीफोर्ट आडिटोरियम में सिनेप्रेमियों को बेहतरीन फिल्मों की सौग

By JagranEdited By: Updated: Tue, 03 Jul 2018 08:51 PM (IST)
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फिल्मों ने जीता दिल, जुड़ती गई दिल्ली

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सिरीफोर्ट आडिटोरियम में सिनेप्रेमियों को बेहतरीन फिल्मों की सौगात देने के साथ मंगलवार को नौवें जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) के दिल्ली चैप्टर का समापन हो गया। रजनीगंधा के सहयोग से आयोजित जेएफएफ में विकास चंद्रा की शार्ट फिल्म माया और मैक्सिकन फिल्म थ्री ईडियॉट्स ओपनिंग फिल्म थी और स्पेनिश फिल्म 'ए फैनटास्टिक वुमन' से समापन हुआ । फेस्टिवल का अगला पड़ाव लखनऊ और कानपुर में होगा। दिल्ली में पाच दिन तक चले फेस्टिवल के दौरान तब्बू, दिव्या दत्ता, संजय मिश्रा, विनीत सिंह, जोया हुसैन, राखी शाडिल्य समेत कई सितारों ने शिरकत की। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के निदेशक वामन केंद्रे ने खुद मास्टर क्लास ली। इसमें उन्होंने अभिनय के गुर सिखाए। मास्टर क्लास फेस्टिवल के अगले पड़ावों में भी आयोजित होता रहेगा। फेस्टिवल के 18 शहरों में बढ़ते दायरे की सभी सेलिब्रिटी और दर्शकों ने खुले दिल से सराहना की। इस बार रेट्रोस्पेक्टिव श्रेणी में तब्बू की फिल्में चादनी बार, नेमसेक और इरुवर (तमिल) को लेकर दर्शकों में खासी दिलचस्पी दिखी, खासकर युवा वर्ग में। इस साल राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजी गई फिल्म 'विलेज रॉकस्टार', 'वाकिंग विद द विंड' और विवादों में रही 'एस दुर्गा' दर्शकों को झकझोर गई। फेस्टिवल की सुहानी यादों के बीच ग्रीन रूम के पास लगी आग भी सिनेप्रेमियों के जोश को ठंडा नहीं कर पाई। वे फिल्म स्क्रीनिंग का बेसब्री से इंतजार करते रहे। फेस्टिवल की खुमारी का असर विदेशी सैलानियों के सिर भी चढ़कर बोला। वे भी क्लासिक फिल्म का आनंद लेने के लिए फेस्टिवल में आए। पहले दिन से दर्शक आने शुरू हुए और आखिरी दिन तक उनकी संख्या बढ़ती गई।

समापन के दिन जम्मू-कश्मीर के 25 से अधिक अधिक छात्र आए। ये सभी पैरामेडिकल के विद्यार्थी हैं और फेस्टिवल का लुत्फ लेने आए थे। दिव्या दत्ता, आदिल हुसैन और संजय मिश्रा की परिचर्चा के दौरान छात्रों ने उनके सिने सफर और किरदार को लेकर उनकी कहानी सुनी। कलाकारों से उनकी कामयाबी के गुर जानने को लेकर सवाल भी किए। जेएफएफ के दौरान वीएलसीसी और टॉप्स का भी सहयोग रहा।

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क्षेत्रीय सिनेमा ने खींचा ध्यान

फेस्टिवल में इस बार भी क्षेत्रीय सिनेमा छाया रहा। मलयालम, मराठी, आसामी, बाग्ला और लद्दाख की फिल्मों की स्क्रीनिंग में उनके निर्देशक और कलाकारों ने दर्शकों से सीधे संवाद किया। फिल्म निर्माण से लेकर उससे जुड़े कई रोचक किस्सों को उन्होंने साझा किया। इस मौके पर आदिल हुसैन ने दर्शकों से उम्दा सिनेमा देखने की अपील की। उन्होंने कहा कि अच्छा सिनेमा वह है जिसे देखने के बाद आपके अंदर कोई सवाल उठे। आप को झकझोरे। उन्होंने जागरण फिल्म फेस्टिवल को देश के सौ शहरों तक ले जाने की भी अपील की।

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