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पूजा के सातवें दिन था बरगद की जटाओं की तरह लटकना

-क्राइम ब्रांच को मंगलवार को नारायण देवी के घर से मिली एक नई डायरी -उसमें भी मरने से छह

By JagranEdited By: Updated: Tue, 03 Jul 2018 11:19 PM (IST)
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पूजा के सातवें दिन था बरगद की जटाओं की तरह लटकना

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

क्राइम ब्रांच की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, अध्यात्म साधना के बारे में पुलिस को नई जानकारी मिलती जा रही है। नारायण देवी के घर से मंगलवार को मिली एक और रजिस्टर से पुलिस को पता चला है कि ललित के कहने पर परिवार के सभी सदस्य पिछले छह दिनों तक रोज आधी रात में एक बजे के आसपास वट पूजा करते थे। सभी ने सामूहिक रूप से एक जगह खड़े होकर साधना की थीं। सातवें दिन बरगद की जटाओं की तरह लटक कर अंतिम पूजा की जानी थी। उक्त पूजा के बाद सभी को सिद्धि की प्राप्ति होती और भगवान व ललित के मृत पिता के दर्शन होते, लेकिन अंधविश्वास में उसी रात सभी की जान चली गई।

जांच से पता चला है कि 17 जून को जब प्रियंका की मंगनी थी, तब ललित के घर में कई रिश्तेदार आए थे। वे लोग 23 जनवरी तक वहां रुके थे, जिससे ललित 17-23 जून तक घर के सदस्यों की दिनचर्या संबंधी बातें रजिस्टर में दर्ज नहीं कर पाया था। पुलिस को नियमित तौर पर उक्त दिनचर्या लिखने संबंधी दो रजिस्टर पहले ही मिल चुके हैं। मंगलवार को जो रजिस्टर मिला है, उसमें 24 जून से नियमित रूप से सभी की दिनचर्या संबंधी बातें लिखी हैं। इसमें यह भी लिखा हुआ है कि कोई भी किसी बाहरी व्यक्ति से नोटबुक अथवा रजिस्टर में दिनचर्या लिखने संबंधी बातें नहीं बताएगा। सभी को सात दिनों तक वट पूजा करनी है। यह सबसे कठिन पूजा होती है। 24 जून से 29 जून यानी छह दिनों तक एक जैसी पूजा करनी है। उक्त पूजा के लिए किस तरह की क्रियाएं करनी हैं, उसके बारे में विस्तार से बातें लिखी हुईं मिलीं। आंखों पर पट्टी बांधकर, बिना नहाए-धोए व हाथ खुला रखकर सभी को साधना करने की बातें लिखी हुई हैं।

रजिस्टर में 30 जून को सातवें दिन बरगद की जटाओं की तरह लटककर पूजा करने की बात लिखी हुई है। उसमें लिखा हुआ है कि उस रात सभी प्लास्टिक के तार, चुन्नी अथवा साड़ी से जाली के जरिये फंदा बनाकर बरगद की जटाओं की तरह लटककर साधना करेंगे। सभी आखें बंद कर निरंतर मंत्र का जाप करते रहेंगे। फंदे पर लटकने से किसी की मौत नहीं होगी। भगवान सभी को बचा लेंगे। बरगद की जटाओं की तरह लटककर पूजा करने पर सभी को भगवान व पिता के दर्शन होंगे। यह भी लिखा हुआ है कि साधना के दौरान सभी कटोरे में पानी रखेंगे। जैसे ही पानी का रंग बदलेगा भगवान और पिता प्रकट हो जाएंगे। वे किसी को मरने नहीं देंगे।

रजिस्टर के आखिरी पन्ने में सभी के लिए लिखा हुआ है कि ..ध्यान रखो, अपनी गलती स्वीकार करो, वर्तमान की सोचो, आर्थिक स्थिति का सामना करो। गलतियों को सुनिश्चित करो और स्वीकार करो। सात दिनों तक उक्त क्रियाएं रोज रात एक बजे करना है। क्राइम ब्रांच यह मानकर चल रही है कि अंधविश्वास के चक्कर में ही सभी की जान गई है।

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