जांच अधिकारी न पीड़ित से मिले न परिजन से, मौत की बना दी रिपोर्ट
अरविंद द्विवेदी, दक्षिणी दिल्ली : छह माह से अस्पताल में भर्ती सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहित कुमार क
By JagranEdited By: Updated: Tue, 03 Jul 2018 11:37 PM (IST)
अरविंद द्विवेदी, दक्षिणी दिल्ली :
छह माह से अस्पताल में भर्ती सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहित कुमार को मृत बताने वाली दिल्ली पुलिस की जांच सवालों के घेरे में है। उनके भाई रवि कुमार के अनुसार, 25 अप्रैल को उन्होंने ओखला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री से मामले की जांच की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि छह दिसंबर को मोहित के ऑफिस में हुए घटनाक्रम के बारे में जानने के लिए सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की तो उन्हें धमकी देकर भगा दिया गया। दिल्ली सरकार की पब्लिक ग्रीवांस मॉनिट¨रग सिस्टम में इस वर्ष 30 मई को उनकी शिकायत दर्ज कर जांच पुलिस को सौंप दी गई। रवि के अनुसार, पुलिस ने दो जुलाई को ग्रीवांस सेल को दी अपनी रिपोर्ट में कहा कि एसीपी कालकाजी आनंद मित्तल ने मामले की जांच की। मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टर रिपोर्ट, सहकर्मियों के बयान, कंपनी मालिक के जवाब के आधार पर की गई जांच में मोहित कुमार की मौत में कंपनी के किसी कर्मचारी के खिलाफ सुबूत नहीं मिले हैं। रवि का आरोप है कि जांच अधिकारी एक बार भी न तो मोहित से मिलने अस्पताल आए और न ही परिजनों से मिले, इसलिए उन्हें यह भी नहीं पता कि मोहित का अभी इलाज चल रहा है। बिना पीड़ित से मिले आखिर कैसे जांच रिपोर्ट लगा दी। रवि ने मुख्यमंत्री कार्यालय को दिए फीडबैक में कहा है कि कंपनी व पुलिस मिलकर उनके भाई के खिलाफ साजिश कर रही हैं। अपोलो अस्पताल के जनसंपर्क विभाग ने भी मोहित के जीवित होने की पुष्टि की है। दिल्ली सरकार की संस्तुति पर मोहित को अस्पताल के मुफ्त वार्ड में रखा गया है। हालांकि, एसीपी कालकाजी ने कहा कि वह रिकॉर्ड देखकर ही मामले की सही स्टेटस बता पाएंगे। उन्होंने कहा कि हो सकता है त्रुटिवश रिपोर्ट में मोहित को मृत दिखा दिया गया हो। वहीं, दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली जिले के डीसीपी चिन्मय बिश्वाल ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। जांच के बाद ही इस पर कुछ कहना सही होगा। रवि ने बताया कि उनके पिता आगरा में खेती करते हैं। घर में सिर्फ मोहित ही कमाने वाले थे। 20 अप्रैल 2017 को ही मोहित की शादी हुई थी।
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