दिल्ली का 'बिग बॉस' एलजी या सीएम? संविधान पीठ के फैसले पर टिकी सभी की नजर
फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में गया तो सरकार को काफी राहत मिलेगी। यही नहीं, उपराज्यपाल के साथ चल रही जंग भी खत्म हो जाएगी।
By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 04 Jul 2018 08:59 AM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच चल रही जंग का अंत बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले से होने की संभावना है। अधिकारों को लेकर चल रही जंग में दिल्ली सरकार की नजर अब संविधान पीठ पर टिक गई है। दिल्ली सरकार को विश्वास है कि उसे काफी राहत मिल सकती है। यही नहीं, वह हाई कोर्ट के फैसले को भी पलटने की उम्मीद लगा रही है।
सरकार के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि बुधवार को संविधान पीठ इस मामले में फैसला सुना दे। यदि फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में गया तो सरकार को काफी राहत मिलेगी। यही नहीं, उपराज्यपाल के साथ चल रही जंग भी खत्म हो जाएगी।बता दें कि हाई कोर्ट से अधिकारों की जंग में हारने के बाद दिल्ली सरकार ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा था। बाद में इस मामले पर फैसला देने के लिए संविधान पीठ का गठन किया गया था। बुधवार को संविधान पीठ के फैसले के बाद साफ हो जाएगा कि किसके पास कितने अधिकार हैं। वहीं, राजनिवास की भी इस मामले पर नजर है। राजनिवास भी इस फैसले की गंभीरता को समझ रहा है। बहरहाल, अब बुधवार को इस मामले पर स्थिति स्पष्ट होगी। दिल्ली के लिए यह ऐतिहासिक फैसला होगा।
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 4 अगस्त 2016 को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए उपराज्यपाल को दिल्ली का सर्वेसर्वा बताया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली की पूरी व्यवस्था बदल गई थी। उपराज्यपाल ने शुंगलू कमेटी का गठन कर उन सभी मामलों में जांच कराई थी जिन फैसलों पर उनसे अनुमति नहीं ली गई थी। इस मामले में दिल्ली सरकार घिर गई थी, क्योंकि कई मामलों में खामियां पाई गई थीं। जिन्हें उपराज्यपाल ने निरस्त कर दिया था और कुछ मामलों में सीबीआइ जांच का भी सिफारिश की थी। जो अभी चल रही है।
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