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अस्पताल में भर्ती है सॉफ्टवेयर इंजीनियर, दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा- 'हो गई है मौत'

कंपनी के जीएम सिद्धार्थ ने दैनिक जागरण को बताया कि कार्डियक अरेस्ट आने से मोहित की तबीयत बिगड़ी थी।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 04 Jul 2018 09:55 AM (IST)
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अस्पताल में भर्ती है सॉफ्टवेयर इंजीनियर, दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा- 'हो गई है मौत'
नई दिल्ली (अरविंद कुमार द्विवेदी)। छह माह से अस्पताल में भर्ती सॉफ्टवेयर इंजीनियर को दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में मृत बता दिया। इतना ही नहीं, ओखला स्थित अपनी आइटी कंपनी के जिन निदेशकों पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है, पुलिस ने उन्हें आरोपमुक्त करते हुए कहा है कि इंजीनियर की मौत में इनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं बनती है।

वहीं, पीड़ित सॉफ्टवेयर इंजीनियर के भाई रवि कुमार का आरोप है कि कंपनी के ऑफिस में उनके भाई के साथ मारपीट की गई। बेहोश हो जाने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराकर कंपनी के लोग भाग गए।

मूलरूप से आगरा निवासी मोहित कुमार ने 18 सितंबर 2017 को ओखला फेज-1 स्थित आइटी कंपनी टीबीएम टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड में बतौर सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ज्वाइन किया था। इनके भाई रवि कुमार के अनुसार, 6 दिसंबर 2017 को दोपहर सवा एक बजे उनके पिता उदयवीर सिंह के पास कंपनी के जनरल मैनेजर (जीएम) सिद्धार्थ का फोन आया कि मोहित की तबीयत खराब हो गई है।

उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद वह पिता और मोहित की पत्नी प्रीति के साथ आगरा से अपोलो अस्पताल पहुंचे तो मोहित इमरजेंसी वार्ड में भर्ती थे। वहां कंपनी का कोई कर्मचारी नहीं था। फोन करने पर सिद्धार्थ ने बताया कि मोहित अचानक बेहोश हो गए थे। तभी से वह आइसीयू में भर्ती हैं।

न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. मुकुल वर्मा उनका इलाज कर रहे हैं। रवि ने आरोप लगाया कि कंपनी के निदेशक संजीव राय महाजन, अलाउद्दीन अंसारी व कुछ वरिष्ठ अधिकारी मोहित का शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न कर रहे थे। नौकरी छोड़ने के लिए उनके भाई पर दबाव बनाया जा रहा था। ये बातें चार दिसंबर को मोहित ने उन्हें बताई थीं। वहीं, कंपनी के जीएम सिद्धार्थ ने दैनिक जागरण को बताया कि कार्डियक अरेस्ट आने से मोहित की तबीयत बिगड़ी थी।

कंपनी के डायरेक्टर संजीव राय महाजन की प्रतिनिधि ने रवि के आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा कि मोहित को कंपनी की तरफ से हरसंभव मदद उपलब्ध कराई गई। परिजन झूठे आरोप लगा रहे हैं।

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