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गुरुग्राम: लिफ्ट में फंसने के बाद उपायुक्त को भेजा कानूनी नोटिस, ठोका 50 लाख रुपये का दावा

उद्यमी बलजीत सिंह एवं डीएलएफ निवासी सुरेश रोड लघु सचिवालय की लिफ्ट में लगभग 30 मिनट तक फंसे रहे। ये लोग सचिवालय की तीसरी मंजिल पर स्थित जीआइएस लैब जाने के लिए लिफ्ट मे चढ़े थे।

By Amit MishraEdited By: Updated: Thu, 05 Jul 2018 06:00 AM (IST)
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गुरुग्राम: लिफ्ट में फंसने के बाद उपायुक्त को भेजा कानूनी नोटिस, ठोका 50 लाख रुपये का दावा
गुरुग्राम [गौरव सिंगला]। बीते शुक्रवार को जिला सचिवालय की लिफ्ट खराब होने के बाद पौन घंटे तक फंसे रहे शहर के दो व्यक्तियों ने उपायुक्त (डीसी) को कानूनी नोटिस भेजकर 25-25 लाख रुपये का दावा किया है। यह नोटिस लोक निर्माण विभाग हरियाणा के सचिव एवं अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी को भी भेजा गया है। नोटिस में दावे की रकम देने के लिए दो माह का समय दिया गया है। अगर दो माह के अंदर राशि नहीं दी जाती है, तो पीड़ित डीसी व अन्य अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

मदद के लिए चिल्लाते रहे

गुरुग्राम अदालत के अधिवक्ता सतबीर सिंह नेहरा द्वारा भेजे गए नोटिस के अनुसार बीते शुक्रवार को होटल उद्यमी बलजीत सिंह एवं डीएलएफ निवासी सुरेश रोड लघु सचिवालय की लिफ्ट में लगभग 30 मिनट तक फंसे रहे। ये लोग सचिवालय की तीसरी मंजिल पर स्थित जीआइएस लैब जाने के लिए लिफ्ट मे चढ़े थे, जो एक मिनट बाद ही रुक गई। इसके बाद दोनों लिफ्ट में मदद के लिए चिल्लाते रहे। उन्होंने लिफ्ट ऑपरेटर व जिला प्रशासन से लेकर पुलिस तक से संपर्क किया लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

शिकायत लेने से किया मना

लगभग 45 मिनट के बाद दोनों जैसे-तैसे लिफ्ट से बाहर निकले। सुरेश रोड तो ऑक्सीजन न मिलने से लिफ्ट में कुछ पल के लिए बेहोश भी हो गए थे। यही नहीं इसके बाद भी जब दोनों इस मामले की शिकायत लेकर उपायुक्त विनय प्रताप सिंह से मिलने पहुंचे तो उन्होंने मिलने और शिकायत लेने से मना कर दिया था। उपायुक्त के पीए ने साफ कह दिया कि अब वह मिलने के लिए पर्ची नहीं देंगे।

हादसे का इंतजार

बता दें कि लघु सचिवालय की लिफ्ट में फंसने का सिलसिला लगातार जारी है। हर सप्ताह कोई न कोई फंसता है लेकिन प्रशासन को इसकी सुध नहीं है। ऐसा लगता है कि जैसे जिला प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। दैनिक जागरण द्वारा इस संबंध में उपायुक्त को फोन कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नहीं उठा। 

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