बेड़ियां तोड़ लड़कियों को आत्मनिर्भर बना रहीं असमा
ललित कौशिक, नई दिल्ली : पुरानी दिल्ली की लड़कियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और आधुनिक
By JagranEdited By: Updated: Wed, 04 Jul 2018 07:38 PM (IST)
ललित कौशिक, नई दिल्ली
पुरानी दिल्ली की लड़कियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और आधुनिक भारत का हिस्सा बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। उन्हें पितृसत्तामक समाज की बेड़ियों से बाहर निकालकर उनकी जिंदगी में सफलता की मिठास घोली जा रही है। जिसका बीड़ा दरियागंज निवासी असमा अर्शी ने उठाया है। उनकी यह कोशिश पिछले कई सालों से जारी है। कई छात्राओं को अब तक करियर की नई दिशा दिखा चुकी है। उनके इस प्रयास से जामा मस्जिद इलाके की कई छात्राओं को दिल्ली विश्वविद्यालय के नामचीन कॉलेजों में दाखिला भी मिला है। जो अब सफलता के नए आयाम गढ़ रही हैं।
रूढि़वादी सोच को खत्म करना है अहम लक्ष्य
जामिया मिलिया इस्लामिया से सोशियोलॉजी में परास्नातक 45 वर्षीय असमा अर्शी बताती है कि समाज के लिए काम करते हुए उन्हें 23 साल से ज्यादा हो गए हैं। पहले समाज की बुराइयों को दूर करने के लिए कलम उठा रखी थी ताकि लोगों की जिंदगी में कुछ अच्छा बदलाव हो सकें। लेकिन अब खुद जमीनी स्तर पर जाकर रूढि़वादी सोच को खत्म करने की मुहिम में लगी हुई हैं। जिससे कि पुरानी दिल्ली की लड़कियां भी मुख्य धारा की लड़कियों से कंधे से कंधे मिलाकर अपने करियर को नई धार दे सकें। पुरानी दिल्ली को लेकर है नकारात्मक सोच
असमा कहती हैं कि पुरानी दिल्ली इलाके में अभी भी आधुनिक दौर होने के बावजूद लड़कियों को ज्यादा पढ़ने नहीं दिया जाता है। उन्हें घर के कामों तक ही सीमित कर दिया है जो पूरी तरह से गलत है। इसके अलावा कुछ आर्थिक चुनौतियों की वजह से भी वह पढ़ नहीं पाती हैं। इसी कारण से यहां के इलाके को लेकर लोग नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं और दिल्ली के बाकी मुस्लिम इलाकों से काफी पिछड़ा मानते है। नि:शुल्क कोचिंग देने की है व्यवस्था उन्होंने बताया कि इलाके की लड़कियों को नि:शुल्क कोचिंग देने की व्यवस्था कर रखी है। बड़ी तादाद में लड़कियां रोजाना पढ़ने के लिए आती हैं। साथ ही उनकी करियर काउंसलिंग भी की जाती है कि किस क्षेत्र में करियर बनाना उचित है। जिससे कि छोटे-छोटे से पाठ्यक्रम की पढ़ाई पूरी कर वे आत्मनिर्भर बन सकें । लड़कियों को पढ़ा-लिखाकर उन्हें आगे बढ़ने दे इसके लिए परिवार के सदस्यों की भी काउंसलिंग की जाती है। इस दिशा में काफी हद तक सफलता मिली है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।