कमरे में बिस्तर के नीचे मिला एक और रजिस्टर
बुराड़ी इलाके के संत नगर में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम को एक और रजिस्टर मिला है। बुधवार को यह रजिस्टर मकान की नये सिरे से तलाशी लेने के दौरान कमरे में बिस्तर के नीचे से मिली है। इसके अलावा पुलिस को कई डायरियां भी मिली हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार जो रजिस्टर मिला है, वह काफी मोटी है और उसमें वर्ष 2007 से धर्म, अध्यात्म, पूजा पाठ, ईश्वर भक्ति, परमात्मा आदि की वहीं बातें लिखी हैं, जो पहले मिले तीन अन्य रजिस्टरों में लिखे थे। इस रजिस्टर की लिखावट की भी अन्य रजिस्टरों से मेल खा रहे हैं।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 04 Jul 2018 09:16 PM (IST)
जासं, बाहरी दिल्ली : क्राइम ब्रांच की टीम को एक और रजिस्टर मिला है। बुधवार को यह रजिस्टर मकान की नए सिरे से तलाशी लेने के दौरान कमरे में बिस्तर के नीचे से मिली है। इसके अलावा पुलिस को कई डायरियां भी मिली हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जो रजिस्टर मिला है, उसमें वर्ष 2007 से धर्म, अध्यात्म, पूजा-पाठ, ईश्वर भक्ति, परमात्मा आदि की वही बातें लिखी हैं, जो पहले मिले तीन अन्य रजिस्टरों में लिखे थे। इस चौथे रजिस्टर की लिखावट की भी अन्य रजिस्टरों से मेल खा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक परिजनों व रिश्तेदरों से पूछताछ के बाद यह पता चला है कि ललित के जीवन पर उनके पिता भोपाल दास का गहरा प्रभाव था। भोपाल दास की वर्ष 2017 में ही मौत हो गई थी। लेकिन, पिता का इतना प्रभाव ललित पर था कि वह हमेशा उन्हें अपने साथ मानते थे। ललित ने पिता की मौत के बाद से ही रजिस्टर लिखना शुरू कर दिया था।
परिजनों के मुताबिक ललित को उनके पिता भी बेहद प्यार करते थे और वह सबसे छोटे बेटे होने के कारण परिवार के लाडले सदस्य थे।
उनके दोनों भाई दिनेश व भुवनेश भी उन्हें बेहद मानते थे और उनकी बातों को कभी नजरअंदाज नहीं करते थे। हालांकि पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि सालों पूर्व ललित की आवाज चली गई थी। ऐसे में वह बोल नहीं पाते थे। जिसके कारण वह अपनी बातों को कागजों आदि पर लिखकर परिवार के सदस्यों के साथ साझा किया करते थे। जिसके चलते ही उन्हें रजिस्टर लिखने की आदत पड़ी थी। ऐसे में परिवार के लोगों के लिए रजिस्टर लिखना एक सामान्य बात थी। बहरहाल, पुलिस चौथे रजिस्टर की जांच कर रही है।
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