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तो कहीं शेयर्ड डिल्यूजन डिसऑर्डर तो नहीं बुराड़ी कांड की वजह

- मनोचिकित्सक की मानें तो फंदे से लटकने के लिए किया गया प्रेरित -किसी पर दूसरे की आत्मा आ

By JagranEdited By: Updated: Thu, 05 Jul 2018 12:11 AM (IST)
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तो कहीं शेयर्ड डिल्यूजन डिसऑर्डर तो नहीं बुराड़ी कांड की वजह

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की फंदे से लटकने का कारण कहीं शेयर्ड डिल्यूजन डिसऑर्डर (साझा भ्रम संबंधी विकार) तो नहीं है? क्योंकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बुराड़ी कांड की यह एक वजह हो सकती है। क्योंकि इसमें लोग आपस में मानसिक तौर पर जुड़े रहते हैं। अपोलो अस्पताल दिल्ली के मनोचिकित्सक डॉ. संदीप बोहरा के मुताबिक बगैर किसी व्यक्ति का इतिहास जाने किसी नतीजे पर पहुंचना संभव नहीं है। यह शेयर्ड डिल्यूजन डिसऑर्डर हो सकता है। अब इसमें यह जानने की जरूरत है कि कैसे एक व्यक्ति ने परिवार के सभी सदस्यों को अपने प्रभाव में ले रखा था। डॉ. बोहरा के मुताबिक विसरा रिपोर्ट से साफ हो सकेगा कि कहीं मृतकों को कोई नशीला या जहरीला पदार्थ तो नहीं खिलाया गया था?

मनोचिकित्सक कहते हैं कि यह मानसिक बीमारी है, जो धार्मिक मान्यता और अंधविश्वास से जुड़ा है। इस तरह की कई मानसिक बीमारियां हैं जिसे पीड़ित व्यक्ति किसी अदृश्य शक्ति के वश में होने का अहसास करता है और अपने अस्तित्व को कुछ समय के लिए भूल जाता है। मनोचिकित्सक कहते हैं कि यह भी देखा गया है कि ऐसे लोगों की मनोदशा को बीमारी समझने के बजाय परिवार के कई सदस्य उनकी बातों पर विश्वास और उनके कहे अनुसार कार्य करने लगते हैं। बुराड़ी की घटना यदि आत्महत्या है तो एक बात स्पष्ट है कि किसी ने उन्हें फांसी लगाने के लिए प्रेरित किया। चाहे परिवार का ही सदस्य ललित हो या कोई और।

एक थ्योरी यह भी

बत्रा अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. धर्मेद्र सिंह ने कहा कि साइकोसिस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को लगता है कि उसे कोई आवाज सुनाई दे रही है और वह उस आवाज के इशारे पर कार्य करने लगता है। इसके अलावा न्यूरोसिस से जुड़ी एक बीमारी पोजेसिव सिंड्रोम होती है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित कई राज्यों में इसके मामले देखे जाते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति सामान्य व्यवहार करता है। उसे खुद के मानसिक रूप से बीमार होने का अहसास नहीं होता। पीड़ित खुद पर किसी आत्मा का साया होने की बात कहने लगता है। ऐसे लोगों के प्रभाव में आकर लोग झाड़ फूंक शुरू कर देते हैं। इहबास के निदेशक डॉ. निमेष जी देसाई ने कहा कि सामूहिक आत्महत्या की घटनाएं दुनियाभर में होती रही हैं।

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